ताई के लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल पर लिखित पुस्तक का विमोचन।
इंदौर : लगातार 8 बार इंदौर से सांसद रही पद्मभूषण सुमित्रा ताई महाजन के लोकसभा अध्यक्ष के बतौर कार्यकाल पर मेघा किरीट द्वारा लिखित और अरविंद जवलेकर द्वारा हिंदी में अनुवादित पुस्तक का विमोचन समारोह गुरुवार शाम रेसकोर्स रोड पर अभय प्रशाल के समीप स्थित लाभ मंडपम में आयोजित किया गया। महानगर विकास परिषद और महाराष्ट्र साहित्य सभा के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मुख्य अतिथि थे।अध्यक्षता बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने की। प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर और अनुसूचित जाति विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर भी अतिथि के बतौर मौजूद रहे।
ताई के लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल का है लेखा – जोखा।
लेखिका मेधा किरीट ने पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सुमित्रा ताई ने पहले तो इनकार कर दिया था, बाद में बड़ी मुश्किल से उन्होंने हां की। मेधा किरीट ने बताया कि उन्होंने सुमित्रा महाजन के लोकसभा अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल को इस पुस्तक में समेटने का प्रयास किया है। मूल मराठी में लिखी गई इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद इंदौर के ही अरविंद जवलेकर ने किया है। उन्होंने बताया कि ताई सदन की कार्रवाई के संचालन के दौरान संस्कृत के श्लोकों का प्रयोग अक्सर किया करती थी। उनका भी उल्लेख इस पुस्तक में किया गया है।
लेखिका मेधा किरीट द्वारा पुस्तक की जानकारी देने के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और अन्य अतिथियों ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच पुस्तक का विमोचन किया।
आदर्श रहा है लोकसभा अध्यक्ष के बतौर ताई का कार्यकाल।
इस मौके पर अपने विचार रखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के बतौर सुमित्रा ताई महाजन का कार्यकाल आदर्श कार्यकाल रहा है। उन्होंने अपने कार्यकाल में सांसदों के प्रशिक्षण और प्रबोधन के लिए कई कदम उठाए। पक्ष – विपक्ष के बीच संतुलन साधकर सदन की कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाना उनकी खासियत रही। ताई ने अपने कार्यकाल में सदन की गरिमा को बढ़ाने का काम किया है। इस पुस्तक से नए सांसदों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
ताई का समग्र राजनीतिक जीवन प्रेरणादाई है।
गडकरी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का आकलन उसके समग्र व्यक्तित्व के आधार पर होना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में सुमित्रा ताई का कार्यकाल उनके व्यक्तित्व का एक पहलू है। असल में उनका समूचा सुसंस्कृत राजनीतिक जीवन प्रेरणादाई रहा है।संस्कारों से परिपूर्ण मूल्य आधारित राजनीति सुमित्रा ताई के राजनीतिक व्यक्तित्व का यथार्थ रहा है। उन्होंने हमेशा सिद्धांतों की राजनीति की। उनका व्यक्तित्व पारदर्शी रहा है। गडकरी ने कहा कि भारतीय जीवन मूल्यों पर आस्था रखकर काम करना बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत है। ताई ने हमेशा संस्कार, संवेदना, सिद्धांतों को अपने आचरण – व्यवहार में स्थान दिया है। उनका व्यक्तित्व नई पीढ़ी के लिए आदर्श है।
इंदौर को पहचान दिलाने में ताई का महत्वपूर्ण योगदान।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि इंदौर के विकास और उसको सांस्कृतिक पहचान दिलाने में सुमित्रा ताई का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हम सब उसी का अनुसरण कर रहे हैं। वीडी शर्मा ने कहा कि ताई का मार्गदर्शन उन्हें हमेशा से मिलता रहा है। प्रदेश अध्यक्ष की गरिमा के अनुरूप आचरण कैसा हो, इस बारे में ताई उन्हें बताती रहती हैं। गलतियों को ध्यान में लाकर उनमें सुधार करने की नसीहत ताई देती रहती है। कुशाभाऊ ठाकरे के जन्मशताब्दी वर्ष को संगठन पर्व के रूप में सुमित्रा ताई के नेतृत्व में ही मनाया जा रहा है। श्री शर्मा ने एक वाकया सुनाते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष रहते हुए एक दिव्यांग लोकसभा कर्मचारी को विदेश यात्रा पर भेजने के लिए ताई ने नियमों में ही बदलाव कर दिया था। सांसद शर्मा ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष रहते ताई ने कई नवाचार किए। सांसदों को संसद में बोलने की तैयारी करने हेतु उन्होंने स्पीकर रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की। इसी के साथ उन्होंने छात्रों के लिए फेलोशिप भी स्थापित की।
छोटे से छोटे कर्मचारी का रखा ध्यान।
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष रहने के दौरान सुमित्रा ताई सांसद के छोटे से छोटे कर्मचारियों का ध्यान रखती थी। वहां के कर्मचारी आज भी ताई को याद करते हैं। ताई प्रचार – प्रसार से दूर रहती हैं। वे बड़ी कठिनाई से इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए तैयार हुई।
लोकसभा अध्यक्ष रहते सभी का सहयोग मिला।
सुमित्रा महाजन ने कहा कि उनकी पुस्तक का विमोचन कर्तव्य दक्ष लोगों के हाथों हो यह उनकी इच्छा थी, यही वजह है कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नाम पर सहमति दी। ताई ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी एक बड़ी चुनौती थी पर पक्ष – विपक्ष सभी के सहयोग से वे उसे सफलतापूर्वक अंजाम दे पाई। उन्होंने स्व. अरुण जेटली का स्मरण करते हुए कहा कि लोकसभा के संचालन को लेकर नियम – प्रक्रियाओं को समझने में उन्होंने पूरी मदद की।तत्कालीन संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार और मनोहर पर्रिकर से भी उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। जटिल मामलों में वे विधिक राय लेकर ही निर्णय लेती थीं। ताई ने कहा कि नितिन गडकरी सदन में पूरी तैयारी के साथ आते थे। विपक्ष के हर सवाल का जवाब उनके पास होता था। ताई ने कहा कि उन्हें जो भी सफलता मिली, जो भी अच्छा काम वे कर पाई, उसमें इंदौर की जनता का बराबर का योगदान है।
प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन किया। आयोजक संस्थाएं महानगर विकास परिषद और महाराष्ट्र साहित्य सभा की ओर से अशोक डागा और अश्विन खरे ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का कुशल और सटीक संचालन मप्र साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विकास दवे ने किया। इस अवसर पर शहर के जनप्रतिनिधि, बीजेपी, कांग्रेस के नेता, समाजसेवी, प्रबुद्धजन और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।