इंदौर : दिगम्बर जैन समाज के सबसे बड़े संत आचार्य विद्या सागर जी महाराज ने सांवेर रोड स्थित रेवती रेंज में निर्मित हो रही प्रतिभा स्थली पर पहले दिन प्रवचन दिए।
संघस्थ बाल ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया की आचार्य श्री ने प्रवचन में कहा की आपको ये विदित होगा किंतु उसको ध्यान से नहीं देख पाते हैं। वैसे सरसरी निगाह में वो विषय हमारे दिमाग़ में आता है उसे ध्यान कहा जाता है। जिसे समझते हैं उसे ज्ञान कहते हैं। दोनों के धर्म अलग अलग हैं। जैसे कूप (कुआँ) में आप घड़े को छोड देते हैं जब वो पानी को छू जाता है तो हमें ज्ञात हो जाता है। यदि आपका ध्यान नहीं हो तो रस्सी को छोड़ते जाओ, लेकिन आपको पानी भराने का ध्यान नहीं रहता है लेकिन यदि आपका ध्यान सही हो तो पानी भरने का अहसास होता है। इसलिए पानी जब भर जाता है तब उसे हमें खींचना पड़ता है। उस समय घड़े को कुछ होता नहीं है। जब वो घड़ा पानी भर के आपके पास आ जाता है तब तक आपको उसका भार नहीं लगता। सहज रूप से जब हम ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं उस समय भी ऐसा ही लगता है। सबके दिमाग़ में अभी तक ये था की हम यहां के ट्रस्टी हैं लेकिन याद रखना की आप प्रतिभा स्थली के सेवक हैं मालिक नहीं हैं। सेवक बन कर रहने में ही आपको आनंद आएगा। आपको किसी प्रकार का अभिमान नहीं रखना है। समर्पण से इस काम को करना है। ये बहुत बड़ा काम है। हमें दो माह लगे यहा पहुँचने में। जो क्षेत्र छूट गए हैं उसको ध्यान रखना, बाद में देखेंगे। आप तो अपना काम करते रहो। मैं ऊपर से जब देखता हूं, सबको आशीर्वाद देता हूं। प्रवचन कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मचारी सुनील भैया ने किया आभार मनोज बाकलीवाल और मनीष नायक ने माना।
आप सेवक हैं मालिक नहीं ये ध्यान रहे- आचार्यश्री
Last Updated: March 4, 2020 " 04:08 pm"
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