इंदौर : देश व प्रदेश में, शहरों और चौराहों का नाम बदलने की चल रही कवायद के बीच इंदौर का नाम बदलकर अहिल्याबाई नगर करने के प्रस्ताव पर सियासत गरमा गई है। कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ये सुझाव दिया था।लोगों ने इंदौर शहर का नाम बदलने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध किया है।
इंद्रेश्वर महादेव के नाम पर है इंदौर।
लोगों का कहना है कि लोकमाता अहिल्याबाई परम शिवभक्त थी। वे हर काम महादेव के नाम पर ही करती थीं। प्राचीन इंद्रेश्वर महादेव के नाम पर इस शहर का नाम इंदूर रखा गया। आजादी के बाद इंदूर, इंदौर के नाम से पहचाना जाने लगा। ऐसे में इंदौर का नाम बदलने का कोई औचित्य नहीं है।
नाम बदलने की जरूरत नहीं।
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा मुझे नहीं मालूम कहां से इंदौर का नाम बदलने की बात सामने आई। इंदौर को शुरुआत से ही देवी अहिल्या के नाम से जाना जाता है। इसका नाम बदलने की जरूरत नहीं है।
सभी की राय लेकर ही होना चाहिए नाम बदलने की कवायद।
विधायक आकाश विजयबर्गीय ने कहा कि उन्हें इंदौर का नाम बदलने को लेकर क्या चल रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। इंदौर को देवी अहिल्याबाई का नाम दिए जाने पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं है लेकिन अंतिम निर्णय सभी की राय लेकर ही किया जाना चाहिए।