इंदौर के मास्टर प्लान में दीर्घकालीन जरूरतों का रखा जाए ध्यान

  
Last Updated:  January 22, 2023 " 12:23 pm"

इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स इंडिया के सम्मेलन में बोली पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन

मप्र, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और गोवा के नगर नियोजकों ने की सम्मेलन में शिरकत।

शहरों के बदलते परिदृश्य के मद्देनजर नगर नियोजन किए जाने पर सम्मेलन में रखे गए विचार।

इंदौर : नगर नियोजन पर काम करते समय सभी संबंधित एजेंसियों में समन्वय होना आवश्यक है। इंदौर तेजी से बढ़ता शहर है। इसके मास्टर प्लान/ विकास योजना में दीर्घकालीन आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए। भविष्य में शहर की आबादी अंदरूनी और बाहरी इलाके में कितनी होगी, इसका आकलन कर नियोजन किया जाना चाहिए। जो गांव शहर में शामिल किए गए हैं, उनकी जरूरतों का समावेश भी विकास योजना में होना चाहिए। ये बात पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कही। वे इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स इंडिया के एमपी रीजन चैप्टर द्वारा आयोजित सम्मेलन में मुख्य अतिथि के बतौर बोल रही थी। विषय था ‘नगर नियोजन और विकास की पुनर्कल्पना’ । सुमित्रा ताई ने हरित क्षेत्र को जिंदा रहने के लिए आवश्यक बताते हुए मास्टर प्लान में उसका दायरा भी 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी करने पर जोर दिया।

एक निजी होटल में आयोजित इस सम्मेलन में आयोजक संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स इंडिया के वेस्ट जोन के तहत आनेवाले राज्यों मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात के नगर नियोजकों ने हिस्सा लिया। आईटीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. डी एस मेश्राम, उपाध्यक्ष एलपी पटनायक, महासचिव प्रदीप कपूर, अध्यक्ष एमपी रीजन चैप्टर शुभाशीष बनर्जी, सचिव एमपी चैप्टर डॉ. सुमित गोठी भी इस दौरान मौजूद रहे।

सम्मेलन में विभिन्न सत्रों के दौरान विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार रखें। आईटीपीआई के अध्यक्ष प्रो. मेश्राम और महासचिव श्री कपूर ने शहरों के बदलते परिदृश्य को देखकर विकास योजनाएं बनाने की बात कही। उनका कहना था कि बढ़ते जनसंख्या के घनत्व, आवास की कमी और भूमि की उपलब्धता को देखते हुए भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर नियोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने शहरी नियोजन में तकनीक के इस्तेमाल पर भी जोर दिया

अर्बन टाउन प्लानर चेतन वैद्य ने शहरों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को लेकर अपने विचार रखें। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को शहरी विकास योजना का अनिवार्य हिस्सा बनाने पर जोर दिया।

भोपाल से आए प्रो. निखिल मंडल ने नगर नियोजन में योजनाओं और नीतियों की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने किसी शहर की समस्याओं का समाधान उसकी विशिष्ट परिस्थितियों के अनुरूप ही करने पर बल दिया।

नितिका कृष्णन ने महानगरीय क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में भूमिका पर प्रकाश डाला।

विश्व बैंक के पूर्व सलाहकार रविकांत जोशी ने शहरी विकास योजना में वित्त पोषण पर अपनी बात रखी। उन्होंने विकास योजना के आर्थिक पहलू को ध्यान में रखने पर जोर दिया।

टी एंड सीपी इंदौर के संयुक्त निदेशक एस के मुदगल ने इंदौर शहर के पूर्व और वर्तमान विकास के परिदृश्य को रेखांकित किया। उन्होंने भविष्य की चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।

आईटीपीआई के इंदौर चैप्टर का शुभारभ।

सम्मेलन के दौरान इंदौर व आसपास के नगर नियोजकों को एक साथ लाने के लिए आईटीपीआई के इंदौर चैप्टर का शुभारभ किया गया। इंदौर चैप्टर में टी एंड सीपी के संयुक्त निदेशक एसके मुदगल को संयोजक बनाया गया है। नगर नियोजक दीप्ति व्यास, डी एल गोयल, रितु शर्मा मेहरोत्रा और मयंक अगवानी को इसके सदस्य के बतौर नामित किया गया है।

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