धार्मिक प्रसंगों पर आधारित हैं हुकमचंद मिल की तीन झांकियां

  
Last Updated:  September 9, 2022 " 10:46 am"

इंदौर : कभी इंदौर की शान रहीं कपड़ा मिलें भले हीं बंद हो गई हों, लेकिन उन मिलों के साथ जुड़ी गणेश विसर्जन चल समारोह की परंपरा को मजदूरों ने आज भी जिंदा रखा है। कोरोना के चलते दो साल इस परंपरा का निर्वहन नहीं किया जा सका था पर इस साल पुनः यह गौरवमयी परंपरा उसी शिद्दत से निभाई जाएगी। मिल मजदूरों ने जनसहयोग से विभिन्न विषयों पर आधारित मनोहारी झांकियों का निर्माण किया है। शुक्रवार 9 सितंबर की शाम से शनिवार 10 सितंबर की अलसुबह तक ये झांकियां शहर की सड़कों पर अपनी रंगबिरंगी छटा बिखेरते हुए चलेंगी।

99 वे वर्ष में हुकमचंद मिल की रहेंगी तीन झांकियां।

हुकमचंद मिल सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति का यह 99 वा वर्ष है। समिति दानदाताओं और जनसहयोग से परंपरा को जिंदा रखे हुए है। इस बार हुकमचंद की तीन झांकियां चल समारोह का हिस्सा होंगी।

कालिया नाग प्रसंग पर आधारित है पहली झांकी।

हुकमचंद मिल सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति के प्रधानमंत्री नरेंद्र श्रीवंश ने बताया कि मिल की पहली झांकी कृष्ण लीला पर आधारित है जिसमें बाल कृष्ण कालिया नाग का मान मर्दन करते नजर आएंगे।

मत्स्य अवतार पर केंद्रित है दूसरी झांकी।

हुकमचंद मिल की दूसरी झांकी भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार पर आधारित है,जिसमें उन्होंने मत्स्य रूप लेकर चारों वेदों को चुराने वाले दैत्य हयग्रीव का अंत किया और वेदों को प्राप्त कर उन्हें पुनः स्थापित किया।

भगवान महाकालेश्वर की भस्मारती पर आधारित है तीसरी झांकी।

हुकमचंद मिल की तीसरी झांकी में भगवान महाकाल की भस्मारती को दर्शाया गया हैं। करीब 15 हजार बल्बों से इसे सजाया गया है।

हुकमचंद मिल की झांकियों को आकार देने वाली मुख्य कलाकार स्वाति दीपक लवंगडे हैं। विद्युत सज्जा उत्तम रेडियो, ध्रुव कुमार दुबे और राजेश गेरिया की है। चलित कार्य विनायक वाघ का है। वेशभूषा सेवाराम राठौर की है।

हुकमचंद मिल की झांकियों के साथ अखाड़े और राजकमल का बैंड सैकड़ों कलाकारों के साथ सुमधुर भजनों की प्रस्तुति देते हुए चलेगा।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *