नगर निगम, एनर्जी स्वराज फाउंडेशन और देवी अहिल्या विवि सहित कईं प्रमुख शिक्षण संस्थानों ने साइन किया एमओयू ।
65 हजार परिवारों को जोडेंगे मिशन से।
इंदौर : स्वच्छता में सिरमौर होने के बाद इंदौर ने उर्जा संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन में कमीं लानें की दिशा में कदम बढ़ाया है। इंदौर नगर निगम ने इस सिलसिले में एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के साथ हाथ मिलाया है। इसके तहत एक दिसंबर से आगामीं 10 मार्च तक चलाए जा रहे इंदौर क्लाइमेट मिशन से शहर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों को भी जोड़ा गया है। मिशन के दौरान बिजली की खपत में 20 फीसदी कमीं लाने का संकल्प लिया गया है।
65 हजार परिवारों तक होगी पहुंच।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव, एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक और प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने यह जानकारी दी। क्लाइमेट मिशन से जुड़े शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इस मिशन के तहत शिक्षण संस्थानों के जरिए 65 हजार परिवारों तक पहुंचने का संकल्प लिया गया है। उनसे बिजली की खपत कम करने व उर्जा संरक्षण के सभी संभव उपाय अपनाने की अपील की जाएगी। इससे करीब 22 करोड़ युनिट बिजली की बचत होने का अनुमान है। इसके अलावा 05 लाख लोगों को उर्जा साक्षरता को लेकर जागरुक भी किया जाएगा।
मिशन से जुड़े शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भी अपने संस्थान और विद्यार्थियों के परिवारों से संपर्क कर बिजली की वर्तमान खपत में 20 प्रतिशत कमीं लाने की बात कही।
इन शिक्षण संस्थानों के प्रमुख, प्रतिनिधि रहे मौजूद :-
देवी अहिल्या विवि के कुलपति डा. राकेश सिंघई, होलकर विज्ञान महाविद्यालय की प्राचार्य डा. अनामिका जैन, जीएसआईटीएस के निदेशक प्रो. नीतेश पुरोहित, चोइथराम स्कूल के प्राचार्य राजेश अवस्थी, अरबिंदो ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट्स के उपाध्यक्ष किंशुक त्रिवेदी और सत्य सांई विद्या विहार की प्राचार्य डा. अंजु चोपड़ा ।
महापौर भार्गव और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के प्रो. सोलंकी ने उर्जा बचत से कार्बन उत्सर्जन में भी कमीं आएगी, जिससे इंदौर की आबोहवा को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी।