इंदौर गौरव दिवस के तहत आयोजित होगा इस बार का मालवा उत्सव, लोक कलाओं की बिखरेगी छटा

  
Last Updated:  May 22, 2022 " 12:48 am"

जनजातीय नृत्य और लोक कला को समर्पित होगा मालवा उत्सव।

देश भर से जुटेगे लोक कलाकार व शिल्पकार।

अंतर्राष्ट्रीय शिल्पकार भी होंगे मालवा उत्सव में।

इंदौर : लोक संस्कृति मंच द्वारा देश का प्रतिष्ठित मालवा उत्सव 25 मई से लालबाग परिसर में आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष का मालवा उत्सव इंदौर गौरव दिवस के अंतर्गत आयोजित होगा। यह उत्सव जनजाति नृत्य व जनजाति लोक कला को समर्पित होगा।

लोक संस्कृति मंच के संयोजक व सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि मालवा उत्सव ने देश और प्रदेश के साथ विश्व पटल पर मालवा की लोक कला एवं संस्कृति को पहुंचाया है । देश व प्रदेश में इंदौर को लोक कला के महत्वपूर्ण केंद्र का दर्जा दिलाया है। साथ ही लोक कलाकारों एवं लोक शिल्पकारॉ को एक बेहतर मंच उपलब्ध कराया है । 25 से 31 मई तक मालवा उत्सव का आयोजन लालबाग परिसर में किया जा रहा है जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों के 450 से अधिक लोक कलाकार एवं 300 शिल्पकार भाग लेंगे।

जनजातीय नृत्यों को समर्पित होगा मालवा उत्सव।

लोक संस्कृति मंच के सचिव दीपक लंवगड़े ने बताया कि इस वर्ष यह उत्सव इंदौर गौरव दिवस के तहत जनजाति नृत्यो के साथ जनजाति शिल्प कला को भी समर्पित होगा। जनजाति समूह के लिए लालबाग पर एक अलग जोन निर्मित किया गया है, जिसमें जनजाति समूह के शिल्प एवं शिल्पकार दोनों ही मौजूद रहेंगे ।जनजाति समूह गौंड, कर्मा, आदिवासी ,बरेदी, कोरकु आदि द्वारा किए जाने वाले लोकलुभावन नृत्यों की प्रस्तुतियां प्रतिदिन लालबाग परिसर में देखने को मिलेगी। मालवा उत्सव में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक संपूर्ण भारत के कलाकारों व शिल्पकारों का संगम देखने को मिलता है। मंच पर मालवा की संस्कृति भी अपना रंग बिखेरेगी।

कोविड वैक्सीनेशन का रखा जाएगा ध्यान।

मंच के विशाल गिदवानी ने बताया की भाग लेने वाले सभी कलाकारों का वैक्सीनेशन पूर्ण होना अनिवार्य होगा। मंच के सभी कार्यकर्ता भी वैक्सीनेटेड होंगे । जिन व्यक्तियों वैक्सीनेशन नहीं हुआ है उन्हें मेले में प्रवेश करने से पहले वैक्सीनेशन करवाना अनिवार्य होगा।

शिल्प मेले में आएंगे 300 से अधिक शिल्पी।

लोक संस्कृति मंच के कार्यालय प्रभारी सतीश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष जनजाति कला के साथ देशभर की कला प्रदर्शित करने लगभग 300 शिल्पकार इस उत्सव में अपनी कलाकृतियां लेकर आएंगे। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उड़ीसा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, आसाम, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तराखंड व हिमाचल के कलाकार अपनी कला की छटा यहां बिखेरेगे। शिल्प मेले में मिट्टी शिल्प, गलीचा शिल्प ,टेराकोटा ,ड्राई फ्लावर ,केन फर्नीचर, कपड़ा शिल्प, पीतल शिल्प, लौह शिल्प प्रमुख रूप से उपलब्ध रहेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय शिल्पकार आएंगे।

मंच के रितेश पाटनी एवं कमल गोस्वामी ने बताया कि इस वर्ष इंदौर गौरव दिवस के तहत मालवा उत्सव में अंतर्राष्ट्रीय शिल्पकार अपना-अपना शिल्प लेकर आएंगे नेपाल ,लेबनान ,सीरिया, बांग्लादेश, भूटान सहित कई देशों के शिल्पकार मालवा उत्सव में भाग लेंगे।

मालवीय व्यंजनों का मिलेगा स्वाद।

मंच के पवन शर्मा एवं नितिन तापड़िया ने बताया कि मालवा उत्सव में प्रतिवर्ष अनुसार मालवीय व्यंजनों के स्वाद के साथ गुजराती, दक्षिण भारतीय, राजस्थानी, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित देश के विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा साथ ही विशेष रुप से साउथ इंडियन डिशेज भी यहां मिलेगी। बच्चों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के झूले एवं प्ले जोन भी यहां उपलब्ध होंगे। विभिन्न समितियों का गठन कर के आयोजन को सफल बनाने के लिए कंचन गिदवानी, बंटी गोयल, पंकज फतेहचंदानी, संकल्प वर्मा, कपिल जैन, रितेश पिपलिया, निवेश शर्मा ,कमल आहूजा ,सोना कस्तूरी, मुकेश पांडे, आदि को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।

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