इंदौर : टीकाकरण को लेकर भी इंदौर ने इतिहास रच दिया है। स्वच्छता में पहले से नम्बर वन इंदौर ने सोमवार को टीकाकरण महाअभियान के पहले दिन तय लक्ष्य 2 लाख को पार कर रिकॉर्ड कायम कर दिया। शाम 6 बजे तक 1 लाख 87 हजार लोगों का टीकाकरण हो चुका था। करीब एक से डेढ़ घंटे बाद ही टीका लगवाने वालों की संख्या 2 लाख के ऊपर पहुंच गई। देश भर में अबतक कहीं भी एक दिन में दो लाख लोगों के टीकाकरण का समाचार नहीं है। ऐसे में यह माना जा सकता है की टीकाकरण में भी इंदौर ने बाजी मार ली है।
जनभागीदारी ने असंभव को बनाया संभव।
इंदौर जनभागीदारी के मामले में हमेशा आगे रहा है। इसी परंपरा को निभाते हुए कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान में भी इंदौर के नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सुबह से ही 1 हजार से अधिक केंद्रों पर टीका लगवाने के लिए लोगों की कतार लग गई थी। ऑनलाइन के अलावा ऑफलाइन भी पंजीयन का इंतजाम रखा गया था। युवाओं के साथ महिलाओं में भी टीकाकरण को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। सभी तय करके आए थे कि अब कोरोना को पलटवार का मौका नहीं देना है। सुबह से शुरू हुआ टीकाकरण का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। अंततः इंदौर ने वो लक्ष्य हासिल कर ही लिया जिसकी अपेक्षा की जा रही थी।
सामूहिक प्रयास लाए रंग।
टीकाकरण महाअभियान को सफल बनाने के साथ पहले दिन तय लक्ष्य को पाने के लिए जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, पुलिस व अन्य विभाग तो सक्रिय थे ही, जनप्रतिनिधि, नेता, सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, व्यापारिक, औद्योगिक और स्वयंसेवी संगठन, कलाकार, प्रबुद्धजन, खिलाड़ी, वकील, धर्मगुरुओं सहित समाज के तमाम वर्गों ने आगे आकर टीकाकरण महाअभियान में भागीदारी निभाई और वो शिखर हासिल कर लिया जो एक बड़ी चुनौती माना जा रहा था।
कलेक्टर मनीष सिंह की रही अहम भूमिका।
इंदौर को स्वच्छता में पहली बार देश में नम्बर वन का तमगा दिलाने में मनीष सिंह की सबसे अहम भूमिका रही थी। उससमय वे निगमायुक्त थे। अब जबकि वे कलेक्टर हैं, उन्होंने कोरोना की चुनौती से निपटने में भी लीडर की भूमिका निभाई। अहम बात ये रही की प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद लालवानी, अन्य जनप्रतिनिधि और नेताओं के साथ आम लोगों का भी उन्हें पूरा साथ मिला। यही कारण रहा कि टीकाकरण के मामले में भी इंदौर सबसे आगे रहा।