इंदौर : शनिवार को इंदौर प्रवास पर आए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एआईसीटीएसएल के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कोरोना के प्रबंधों की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति, रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों, कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों, अस्पताल प्रबन्धन, ऑक्सीजन प्रबन्धन, टीकाकरण आदि की बिन्दुवार समीक्षा की।इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायकगण रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय, मालिनी गौड़ व महेंद्र हार्डिया, बीजेपी प्रदेश पदाधिकारी कविता पाटीदार, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, बीजेपी नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर, मधु वर्मा, राज्य आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ निशांत खरे, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, आईजी हरिनारायणचारी मिश्र, कलेक्टर मनीष सिंह, आयुक्त नगर निगम प्रतिभा पाल और डीआईजी मनीष कपूरिया सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
इंदौर ने प्रस्तुत किया अनुकरणीय उदाहरण।
बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बीते महीनों के दौरान कोरोना पर नियंत्रण और टीकाकरण के लिए इंदौर की टीम ने अद्भुत कार्य किया है। एकजुटता और सामंजस्य के साथ कोरोना की चुनौती का सामना किया गया। कोरोना को समय रहते नियंत्रित कर लिया गया। टीकाकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, इसके लिए पूरी इंदौर टीम बधाई की पात्र है। इंदौर ने सामंजस्य और एकता के साथ जो कार्य किए हैं, वह अनुकरणीय उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर ने कोरोना नियंत्रण और टीकाकरण में देश के समक्ष अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल के दौरान शासकीय अस्पतालों में उपचार की बेहतर व्यवस्थाएं रही। इसके चलते लोगों का विश्वास शासकीय अस्पतालों के प्रति बढ़ा है।
लोगों में लाएं जागरूकता।
उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकाल तथा कोविड अनुकूल व्यवहार के पालन के संबंध में निरन्तर जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। लोगों को समझाइश दें कि वे सावधानी और सतर्कता रखकर कोरोना से सुरक्षा पा सकते हैं। जागरूकता के संबंध में सभी जनप्रतिनिधि अपील और संदेश का प्रसार सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से करें। उन्होंने कहा कि अभी विवाह समारोह आयोजित हो रहे हैं। इसको देखते हुए आयोजकों तथा समारोह से संबंधित अन्य लोगों को कोविड प्रोटोकाल के पालन के संबंध में जानकारी दें और उनसे पालन करवाएं। विवाह समारोहों में विशेष सावधानियाँ बरती जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सीमाओं पर विशेष सतर्कता रखी जाए। यह प्रयास किया जाए कि कोई भी व्यक्ति संक्रमित होकर प्रदेश में नहीं आए। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को देखते हुए ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए।
ब्लैक फंगस के मरीज हुए कम।
बैठक में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि संभाग में 80 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। उन्होंने ब्लैक फंगस से निपटने के उपायों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीज अब लगातार कम हो रहे हैं।
तीसरी लहर से निपटने के उपायों की दी जानकारी।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने कोरोना से निपटने के लिए की गई व्यवस्थाओं, प्रबंधन और तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर एहतियात के रूप में किए जा रहे उपायों की जानकारी दी। उन्होंने इंदौर जिले में टीकाकरण महाअभियान के अंतर्गत टीकाकरण के प्रति जागरूकता लाने और उसे जन आंदोलन बनाने के लिए किए गए प्रयासों तथा प्राप्त उपलब्धियों की भी जानकारी दी।
तीसरी लहर में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिये विशेष इंतजाम।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए एहतियात के रूप में किए जा रहे प्रबंधों की जानकारी दी और बताया कि ऑक्सीजनयुक्त बेड की संख्या बढ़ाई गई है। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के उपचार के लिये विशेष व्यवस्था की गई है। पीसी सेठी अस्पताल को विशेष रूप से तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना के दूसरे चरण में जहाँ ऑक्सीजनयुक्त और आईसीयू बेड्स की संख्या 7 हजार 650 थी, उसे बढ़ाकर 10 हजार 250 किया गया है। इनमें महिलाओं और बच्चों के आईसीयू युक्त बेड्स की संख्या भी पर्याप्त रखी गई है। उन्होंने बताया कि जिले में पहली बार चार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया गया है। उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र के 111 अस्पतालों में कुल 8 हजार 434 बेड्स की व्यवस्था की गई हैं, वहीं शासकीय क्षेत्र के विभिन्न अस्पतालों में एक हजार 816 बेड्स की व्यवस्था की गई है। पूर्व में जहाँ शासकीय अस्पतालों में बेड की संख्या एक हजार 227 थी, वहीं अशासकीय अस्पतालों में बेड्स की संख्या 6 हजार 423 थी। बैठक में बताया गया कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उनके लिए चार विशेष मातृ शिशु एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के इलाज के लिये डॉक्टर्स एवं नर्स को विशेष रूप से ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की गई है। ट्रेनिंग का कार्य प्रारंभ हो गया है। प्रत्येक अस्पताल में एक-एक मास्टर ट्रेनर्स तैयार किये जा रहे हैं। वह अपने-अपने अस्पतालों में डॉक्टर और नर्सेस को ट्रेनिंग देंगे।
15 अगस्त तक सभी 42 ऑक्सीजन प्लांट होंगे चालू।
बैठक में बताया गया कि इंदौर जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि जिले में 52 करोड़ रूपए की लागत से 42 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनमें से 11 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हो गए हैं। शेष 31 ऑक्सीजन प्लांट का कार्यादेश जारी कर दिया गया है। बताया गया कि सभी ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण आगामी 15 अगस्त तक पूरा हो जाएगा।
इंदौर में 76.77 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण।
इंदौर जिले में टीकाकरण महाअभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिले में 28 लाख लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से अभी तक 21 लाख 55 हजार लोगों का टीकाकरण हो चुका है। इस तरह 76.77 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो गया है। टीकाकरण की शहरी क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 70.41 प्रतिशत उपलब्धि रही है। जिले में महाअभियान के तहत गत 21 जून को सवा दो लाख लोगों का एक दिन में टीकाकरण कर रिकार्ड कायम किया गया। इंदौर जिला देश में अव्वल रहा। टीकाकरण अभियान को सभी वर्गों के सहयोग से जन आंदोलन बनाया गया है। जिले में 16 स्थानों पर ड्राइव इन वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए। महिलाओं के लिये 7 स्थानों पर विशेष महिला टीकाकरण केन्द्र बनाया गया। दिव्यांगों के टीकाकरण के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई।
जनता ने स्वत: लगाए प्रतिबंध।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि जिले में टीकाकरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। जिले में कई संगठन और संस्थाएं आगे आकर अपने-अपने क्षेत्रों में स्वप्रेरणा से प्रतिबंध लगा रहे हैं। उनके यहाँ बगैर टीकाकरण के कोई प्रवेश नहीं करें। बताया गया कि 40 से अधिक रहवासी संघों ने अपने यहाँ बिना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। चोईथराम मंडी, निरंजनपुर मंडी, लक्ष्मीबाई अनाज मंडी, छावनी अनाज मंडी में भी बिना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। सियागंज, क्लाथ मार्केट, 56 दुकान एसोसिएशन और समस्त औद्योगिक संगठनों द्वारा बिना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र के प्रवेश पर 10 जुलाई के पश्चात प्रतिबंध लागू करने का निर्णय लिया गया है। विभिन्न संगठनों द्वारा “नो वैक्सीन-नो सैलरी एवं नो वैक्सीन- नो एंट्री” नियम लागू किया जा रहा है।
सूक्ष्म कार्ययोजना के बेहतर परिणाम।
बैठक में बताया गया कि इंदौर में कोरोना के दूसरे चरण के संक्रमण के नियंत्रण के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर कार्य किया गया, इसके अच्छे परिणाम मिले। कई क्षेत्रों में जहाँ बड़ी संख्या में मरीज आ रहे थे वहां इस व्यवस्था से कोरोना को त्वरित नियंत्रित करने में मदद मिली। जिले में गाँव वार और कॉलोनी वार सूक्ष्म योजना बनाकर कोरोना नियंत्रण किया गया। बड़ी संख्या में कंटेन्मेंट क्षेत्र बनाए गए। इससे भी पॉजिटिविटी दर में गिरावट आयी। फीवर क्लीनिक के भी अच्छे परिणाम मिले। मरीजों की पूर्व पहचान में मदद मिली। कोरोना की रोकथाम के लिए जिले में मास्क की अनिवार्यता की गई है। जनजागरण अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कान्टेक्ट ट्रेसिंग और नियमित रूप से सेम्पलिंग कर सतत निगरानी रखी जा रही है।