इंदौर – बुधनी रेलवे लाइन का प्रभावित किसानों ने बंद कराया काम

  
Last Updated:  June 7, 2024 " 12:15 am"

शिवराज सिंह को पहली चुनौती किसानों से मिली।

पहले चार गुना मुआवजा दो फिर करो रेल लाइन का काम।

प्रभावित परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दो।

♦️कीर्ति राणा इंदौर ♦️

विदिशा से जीत का कीर्तिमान बनाने वाले शिवराज सिंह मंत्रिमंडल में शामिल किए जाएंगे या नहीं यह तो अगले एक दो दिन में स्पष्ट हो ही जाएगा लेकिन सांसद के रूप में उनके सामने पहली बड़ी चुनौती है 3261.82 करोड़ रुपए वाली इंदौर-बुधनी रेल लाइन के कारण प्रभावित होने वाले किसानों का दिल जीतना।यदि उन्हें मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री का दायित्व मिलता है तो इस काम में बाधा बने किसानों की समस्या का हल करना होगा।चार गुना मुआवजे का आश्वासन पूरा किये बिना रेलवे ने इस नये ट्रेक के लिए काम शुरु कर दिया था किंतु किसानों की एकजुटता के कारण यह काम बाधित हो गया है। इस रेल लाइन के शुरु होने के बाद इंदौर और जबलपुर के बीच की दूरी 68 किमी कम हो जाएगी।

इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन का काम शुरु करने पर प्रभावित किसानों ने 45 डिग्री तापमान में प्रदर्शन
कर निर्माण स्थल पर चल रहा काम रुकवा दिया है।हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र के चोबा पिपलिया गांव में काम रुकवाने के लिए 45 डिग्री तापमान में गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन के साथ ही बरोठा तहसीलदार एवं रेलवे अधिकारियों को दिए ज्ञापन में किसानों का कहना था कि खेती की जो जमीन रेल लाइन के लिये ली जा रही है उसका चार गुना मुआवजा नहीं मिलने तक काम शुरु नहीं होने देंगे।मौके पर पहुंचे किसानों ने चेतावनी दी कि जमीन हमारी, कानून तुम्हारा नहीं चलेगा।
ग्राम चोबा पिपलिया मिर्जापुर के पूर्व सरपंच प्रेम नारायण चौधरी, iवरिष्ठ किसान नेता संतोष पटेल, सांवेर जनपद के पूर्व जनपद सदस्य किसान नेता हंसराज मंडलोई, दिलीप चौधरी आदि का कहना है, केंद्र सरकार के साथ प्रदेश सरकार ने भी हमारे साथ धोखा किया है।

लोकसभा चुनाव के पहले रेलवे के अधिकारियों और भाजपा नेताओं ने वादा किया था कि जब तक आपकी मांगों का निराकरण नहीं किया जाता एवं बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजा नहीं मिलता तब तक काम चालू नहीं किया जाएगा। इस वादे को पूरा करने की अपेक्षा चुनाव निपटते ही मुआवजा बढ़ाने के बजाय हमारी जमीनों पर प्रशासन के माध्यम से रेलवे विभाग ने कब्जा करना प्रारंभ कर दिया है। किसानों ने इस कारण प्रदर्शन करते हुए काम रुकवा दिया। इससे घबराकर नेताओं ने बरोठा तहसीलदार एवं रेलवे के बड़े अधिकारियों को पिपलिया में जहां किसान प्रदर्शन कर रहे थे, पहुंचाया । इन अधिकारियों ने किसानों को बरगलाने की कोशिश की परंतु प्रभावित किसान अधिकारियों के बहकावे में नहीं आए। बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने किसान नेताओं से काफी अनुनय विनय करके प्रभावित किसानों को बातचीत के लिए तैयार किया। इस पर किसान नेताओं ने अपनी मांगों का ज्ञापन अधिकारियों को सौंपकर मांग रखी की जब तक प्रभावित किसानों को बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजा नहीं दिया जाता तब तक रेलवे विभाग को हमारी जमीन में नहीं घुसने देंगे। इसके साथ सिंचाई के साधन उपलब्ध करवाने, प्रभावित परिवारों के एक-एक युवा को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की गई। अधिकारियों ने किसानों को आश्वस्त किया है कि उनकी मांग वरिष्ठ अधिकारी एवं नेताओं को तक पहुंचा देंगे। किसान नेताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि जमीन हमारी, कानून तुम्हारा नहीं चलेगा। जब तक हमारी मांगों का निराकरण सरकार नहीं करेगी तब तक किसी भी स्थिति में खेतों में नहीं घुसने देंगे एवं अपनी जमीन का कब्जा रेलवे विभाग को नहीं देंगे।इस मौके पर ओम प्रकाश पटेल, जितेंद्र पटेल, प्रेम भगवान विष्णु प्रसाद पटेल, डॉक्टर जगदीश पटेल, रवि ठाकुर, प्रेम सिंह परमार सहित अनेक किसान नेता वह कार्यकर्ता उपस्थित थे।

रेल लाइन का नक्शा लगेगा,205.5 किमी. लंबी है यह रेल लाइन ।

केंद्र सरकार ने बुधनी से इंदौर (मांगलिया) के बीच विद्युतीकरण के साथ  205.5 किमी. लंबी नई रेल लाइन को मंजूरी दी है।परियोजना को 2024-25 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी अनुमानित लागत 3261.82 करोड़ रुपए है। इसमें बुधनी और मांगलिया स्टेशनों को जंक्शन बनाया जाएगा। इसके बाद बुधनी क्षेत्र के यात्रियों को इंदौर तक ट्रेन से जाना आसान हो जाएगा। नए रूट से इंदौर और जबलपुर के बीच की दूरी 68 किमी कम हो जाएगी।

सीहोर, देवास और इंदौर जिले में होगा काम।

प्रस्तावित लाइन बुधनी के वर्तमान यार्ड से प्रारंभ होगी और इंदौर के निकट पश्चिम रेलवे के मांगलिया गांव स्टेशन से जुड़ेगी। इस मार्ग पर 10 नए क्रॉसिंग स्टेशन और सात नए हाल्ट स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है।नई लाइन से सीहोर, देवास तथा इंदौर जिलों को लाभ होगा। इसके साथ ही बुधनी से इंदौर के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा।अभी बुधनी से बरखेड़ा घाट सेक्शन सहित भोपाल-इटारसी के भीड़ वाले मार्ग से जाना पड़ता है।

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