इंदौर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए साल 2021 के पहले दिन (शुक्रवार, 1 जनवरी ) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश के इंदौर सहित छह राज्यों के छह स्थानों पर ग्लोबल हाऊसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज- इंडिया (जीएचटीसी- इंडिया) के तहत हल्के मकान से जुड़ी परियोजनाओं (लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स) की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलेरेटर्स- इंडिया (एएसएचए- इंडिया) के तहत विजेताओं की भी घोषणा की और प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (पीएमएवाई-यू) मिशन के कार्यान्वयन में उत्कृष्टता को लेकर वर्ष 2019 के लिए वार्षिक पुरस्कार भी दिए। मध्यप्रदेश को उल्लेखनीय कार्य के लिये दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर वर्चुअल रूप से यह पुरस्कार प्राप्त किया।
128 करोड़ रुपए लागत के लाइट हाऊस प्रोजेक्ट का शिलान्यास।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से इंदौर में 128 करोड़ रूपये लागत के लाइट हॉउस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओ.पी.एस. भदौरिया, सांसद शंकर लालवानी, विधायक तुलसीराम सिलावट, आकाश विजयवर्गीय और महेन्द्र हार्डिया मौजूद रहे। कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार हरदीप सिंह पुरी भी शामिल थे।
उच्च गुणवत्ता के और टिकाऊ होंगे नई तकनीक के आवास।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश सरकार को उक्त पुरस्कार प्राप्त होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश में आवासहीनों के लिये आवास निर्माण बनाने में नई तकनीकों का उपयोग शुरू किया गया है। इससे कम लागत में, कम समय में गुणवत्तापूर्ण आवास निर्मित होंगे। नई तकनीकों के उपयोग के लिये विभिन्न नवाचार किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि लाईट हाउस प्रोजेक्ट भी इसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आवास निर्माण के लिये नवोन्मेषी निर्माण के लिये 54 नवोन्मेषी आवास निर्माण प्रौद्योगिकी चिन्हित की गई है। उन्होंने कहा कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स (एलएचपी) देश में पहली बार निर्माण क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर उपयोग में लाये जायेंगे।यह वैकल्पिक वैश्विक प्रौद्योगिकी, सामग्रियों और प्रक्रियाओं का बेहतरीन प्रदर्शन करती हैं। इनका निर्माण जीएचटीसी- इंडिया के तहत किया जा रहा है, जो आवास निर्माण के क्षेत्र में नवीन तकनीकों को अपनाने के लिए एक समग्र परिवेश तैयार करने की परिकल्पना है। ये परियोजनाएं पारंपरिक तौर पर ईंट एवं कांक्रीट वाले निर्माण के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से पूरी होंगी। इसके अलावा ये मकान उच्च गुणवत्ता के साथ किफायती और टिकाऊ भी होंगे।
इस प्रोजेक्ट के तहत इंदौर में प्रीफैब्रिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम, राजकोट के एलएचपी में टनल फॉर्मवर्क का उपयोग करते हुए मोनोलिथिक कंक्रीट कंस्ट्रक्शन, चेन्नई की परियोजना में प्रीकास्ट कंक्रीट कंस्ट्रक्शन सिस्टम, रांची के एलएचपी में 3डी वॉल्यूमेट्रिक प्रीकास्ट कंक्रीट कंस्ट्रक्शन सिस्टम, अगरतला की परियोजना में लाइट गेज स्टील इन्फिल पैनलों के साथ ढांचागत स्टील फ्रेम और लखनऊ के एलएचपी में पीवीसी स्टे इन प्लेस फॉर्मवर्क सिस्टम से आवास निर्माण किये जायेंगे। हल्के मकानों की परियोजनाएं संबंधित जगहों पर प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण एवं उसके अनुकरण की सुविधा के लिए एक लाइव प्रयोगशाला के रूप में काम करेंगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजनाएं बहुत उपयोगी है। उन्होंने आईआईटी, एनआईटी, अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों और प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर कॉलेजों के संकाय एवं छात्रों से कहा कि वे इन परियोजनाओं का अध्ययन करे तथा इसे और अधिक बेहतर तथा उपयोगी बनाने के लिये अपने सुझाव दे तथा उनमें नवाचार करे। प्रोजेक्ट के तहत उपयोग में लाई जाने वाली प्रौद्योगिकी, प्रक्रियाओं और सामग्रियों से रचनात्मक दिमाग वाले युवाओं, स्टार्ट-अप, इनोवेटर और उद्यमियों को भी मदद मिलेगी।
2022 तक सभी को आवास का पूरा करेंगे संकल्प।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा लिए गए सभी को पक्के मकान देने का संकल्प प्रदेश में 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश में तेजी से आवास निर्माण किये जा रहे है। यह योजना आवासहीनों के लिये एक उपहार है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत निर्मित आवासों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 378 निकायों में अभी तक सात लाख 24 हजार से अधिक आवास स्वीकृत किये गए हैं। इनमें से तीन लाख आवासों का निर्माण पूरा हो गया है। दो लाख आवासों का निर्माण प्रगति पर है। एक लाख से अधिक आवास आवंटित भी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि आवासों का निर्माण पूरा करने के लिये तेजी से काम चल रहा है। निर्धारित समय-सीमा में आवासों का निर्माण कर लक्ष्य अनुसार हितग्राहियों को आवंटित कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट के माध्यम से नई तकनीक से आवास बनाना क्रांतिकारी पहल है। इसके तहत बने आवास आपदारोधी, पर्यावरण के अनुकूल तथा गणवत्तापूर्ण रहेंगे। कम समय में भी तैयार होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह गौरव की बात है कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का भी चयन हुआ है। इस प्रोजेक्ट के तहत इंदौर में 128 करोड़ रूपये की लागत से नवीन तकनीक पर आधारित एक हजार से अधिक आवास बनेंगे।