समूचा शहर भगवा झंडों, पताकाओं से पटा।
जगह – जगह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का बड़ी स्क्रीन के जरिए किया गया सीधा प्रसारण।
प्रभु श्रीराम के गर्भगृह में विराजित होने की खुशी में कई स्थानों पर भजन, पूजन और महाप्रसाद के हुए आयोजन।
देर शाम मनाया गया दीपोत्सव, रोशनाई से जगमगाया शहर।
इंदौर : अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का उल्लास देश व दुनिया में नजर आया। पूरा इंदौर भी राम लला को भव्य मंदिर में विराजित होते देख हर्षित दिखाई दिया। पांच सौ बरसों के इंतजार और संघर्ष के बाद आए इस ऐतिहासिक अवसर की खुशियां मनाने में इंदौर के लोग कहीं भी पीछे नहीं रहे। शहर का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं था जो राममय, भगवामय न हुआ हो। सभी बाजार, रहवासी क्षेत्र, मॉल्स, निजी प्रतिष्ठान व दफ्तर भगवा पताकाओं से पटे हुए थे।दिनभर भजन पूजन, दर्शन, महाआरती और शोभायात्राओं के साथ प्रसाद वितरण का दौर चलता रहा। शाम ढलते ही पूरे शहर में दीपोत्सव मनाया गया और जोरदार आतिशबाजी की गई।
जगह – जगह देखा गया सीधा प्रसारण।
शहर में जगह – जगह बड़ी स्क्रीन लगाकर अयोध्या से राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण की व्यवस्था की गई थी। लोगों में भी जबरदस्त उत्साह देखा गया। जैसे ही प्रभु श्रीराम नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित हुए, जय – जय सियाराम के नारों से माहौल गुंजायमान हो गया। इस मौके पर
मंदिर की प्रतिकृतियां और प्रभु श्रीराम के होर्डिंग व कटआउट भी सभी प्रमुख चौराहों और मॉल्स में लगाए गए थे।
शोभायात्रा, सुंदरकांड और भजनों की प्रस्तुति।
प्रभु श्रीराम की प्रतिष्ठा होने की खुशी में घर – घर रंगोली सजाई गई। बस्तियों, कॉलोनियों, बाजारों और दफ्तरों व संस्थानों में भी राम भक्ति का उल्लास देखा गया। राजवाड़ा सहित कई स्थानों पर भजन संध्याओं का आयोजन किया गया जिसमें लोगों ने झूमते हुए प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का उल्लास अभिव्यक्त किया।कई स्थानों से इस मौके पर शोभायात्राएं भी निकाली गई।
भगवमय हुए बाजार, जगह – जगह किया गया प्रसाद वितरण।
प्रभु श्रीराम की भक्ति का सुरूर कुछ ऐसा था कि शहर का हर कोना भागवामय नजर आ रहा था। भगवा झंडों, पताकाओं और द्वारों से सभी बाजार सजे हुए थे। व्यापारिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विशेष तैयारियां की थी। जैसे ही अयोध्या में राम लला मंदिर में प्रतिष्ठित हुए, जगह – जगह हर्षोल्लास के साथ जय जय सियाराम के जयकारे लगाए गए। महाआरती की गई और लड्डू, खीर, पेड़े आदि का प्रसाद वितरण किया गया। कई जगह महाप्रसाद का भी आयोजन किया गया जिनमें हजारों लोगों ने प्रसादी ग्रहण की।
दिवाली की तर्ज पर मना दीपोत्सव।
दिनभर चले विभिन्न आयोजनों के बाद शाम को दीपोत्सव मनाया गया। ऐसा लगा मानों दीपावली एक बार फिर मनाई जा रही हो। घरों, दुकानों, दफ्तरों में दीप जलाए गए और विद्युत रोशनाई की गई। शहर की राजवाड़ा सहित तमाम ऐतिहासिक इमारतें, निजी व सरकारी संस्थान और देवालय आकर्षक विद्युत सज्जा से जगमगा रहे थे। इस दौरान जोरदार आतिशबाजी का दौर भी रात तक चलता रहा।