इंदौर संसदीय सीट पर 60 फीसदी से अधिक मतदान

  
Last Updated:  May 13, 2024 " 08:34 pm"

इंदौर जिले में शांतिपूर्ण रूप से हुआ मतदान।

नए मतदाताओं में मतदान को लेकर दिखा उत्साह।

इंदौर : लोकसभा निर्वाचन के लिये सोमवार को इंदौर जिले में उत्साह के साथ शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हुआ। मतदान समाप्ति के समय याने शाम 06 बजे तक करीब 60.75 प्रतिशत मतदान होने की खबर है, जो पिछले चुनाव के मुकाबले 09 फीसदी कम है। हालांकि मतदान का अंतिम आंकड़ा आना शेष है, इसके चलते मतदान के प्रतिशत में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है।

इंदौर जिले के सभी 2677 मतदान केन्द्रों पर सुबह निर्धारित समय पर मॉकपोल हुआ। इसके बाद सुबह 7 बजे से मतदान प्रारंभ हो गया। सुबह बूथों पर मतदाताओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही पर दिन चढ़ने के साथ मतदान में इजाफा होने लगा।शाम को तो कई मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की कतार भी नजर आई।मतदाताओं ने उत्साह के साथ मतदान किया। बुजुर्ग, दिव्यांग, युवा, महिलाएं सभी आयु वर्ग के मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। पहली बार मतदाता सूची में नाम शामिल होनेवाले युवाओं में मतदान को लेकर खास उत्साह देखा गया। मतदाताओं ने मतदान केन्द्रों पर की गई व्यवस्थाओं की भी सराहना की।

बुजुर्ग दम्पत्ति ने मतदान कर शादी की सालगिरह मनाई।

इंदौर के एबी रोड पर स्थित इंदौर पब्लिक स्कूल (आईपीएस) में सुबह एक बुजुर्ग दम्पत्ति अपने बेटे-बहू और बेटी के साथ मतदान केन्द्र पर पहुंचे। यहां वे एकत्रित हुए और मतदान कर बुजुर्ग दम्पत्ति राधेश्याम सोहनी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती गायत्री सोहनी की शादी की 49वी सालगिरह का जश्न मनाया। उक्त दंपत्ति के साथ पुत्र उत्कर्ष सोहनी, बहू डॉ. गरिमा सोहनी और पुत्री अनुभूति सोहनी ने भी मतदान किया। उनका कहना था कि आज का दिन हमारे लिए यादगार क्षण हो गया है। लोकतंत्र के महायज्ञ में शामिल होकर हमने एक पुण्य का काम किया है।

वैष्णवी के लिए भी आज का दिन बना यादगार।

कक्षा 12वी में पढ़ने वाली बालिका वैष्णवी मनोज यादव के लिए भी आज का दिन यादगार बन गया। मतदाता सूची में नाम जुड़ने के बाद लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने पुलिस पब्लिक स्कूल स्थित मतदान केन्द्र पहुंची वैष्णवी ने उत्साह के साथ मतदान किया। उसने बताया कि मतदान करने का मेरा सपना आज पूरा हो गया। मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि आगे आने वाले सभी चुनावों में जरूर मतदान करूं।

मतदान केंद्रों पर उपलब्ध कराई सुविधाओं की मतदाताओं ने की सराहना।

मतदान केन्द्रों पर उपलब्ध करायी गई सुविधाओं से मतदाता खुश दिखायी दिये।लाबरिया भेरू में रहने वाली सपना, प्रियंका, राजेश और अनिल ने रामकृष्ण बाग स्थित मतदान केन्द्र पर मतदान किया। उन्होंने बताया कि मतदान केन्द्र को बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया। हमको बैठने के लिए छायायुक्त वेटिंग एरिया भी मिला। यहां बैठने के लिए पर्याप्त टेबल और कुर्सियां थी। हवा के लिए कूलर भी लगाये गये थे। पीने के लिए ठण्डा पानी था। मतदान केन्द्रों पर बहुत अच्छी व्यवस्थाएं थी।

दिव्यांग बालिका दुर्गा ने उत्साह से मतदान किया।

दिव्यांग बालिका दुर्गा बैरागी ने लोकतंत्र के प्रति अपने उत्साह को कायम रखा। वह स्वयं अपने घर से मतदान केन्द्र तक चलकर आयी और उत्साह से मतदान किया। उसने बताया कि मैं पिछले नगर निगम और विधानसभा के चुनावों में भी मतदान कर चुकी हूं। मतदान के सिलसिले को मैंने इस बार के लोकसभा चुनाव में भी कायम रखा। आज मतदान किया और मैंने प्रण किया है कि आने वाले सभी चुनावों में भी मतदान अवश्य करूंगी।

मतदाताओं को पिलायी गई छाछ, केरी पना, आमरस सहित अन्य शीतल पेय-पोहे जलेबी भी मिले।

कई मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं के लिए शीतल पेय की व्यवस्था की गई थी। महू के मतदान केन्द्र जोशी गुराडिया में मतदाताओं के लिए शीतल जल के साथ ही छाछ की भी व्यवस्था की गई थी। इसी तरह कई मतदान केन्द्रों पर आमरस, रसना, केरी पना, शरबत, गन्ना रस की व्यवस्था की गई। इसी तरह छप्पन दुकान सहित अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों के व्यापारियों ने पोहे-जलेबी सहित अन्य खाद्य पदार्थ मतदाताओं को मतदान करने पर नि:शुल्क खिलाए।

मतदाताओं को मिली ई-रिक्शा की सुविधा।

इंदौर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में ऐसे मतदाता जिन्हें मतदान केन्द्र तक आने-जाने में दिक्कत थी, उनकी सुविधा के लिए ई-रिक्शा सहित अन्य वाहनों की सुविधा दी गई।

70 दृष्टि दिव्यांग बालिकाओं ने किया मतदान ।

महेश दृष्टिहीन कल्याण संघ में रहने वाली 70 दृष्टि दिव्यांग बालिकाओं ने भी मतदान में हिस्सा लेकर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। मतदान के लिए इन दृष्टि दिव्यांगों को एक साथ बस में बैठाकर बाम्बे हॉस्पिटल के पास रिंग रोड स्थित ग्रीन फील्ड स्कूल में बने मतदान केन्द्र लाया गया। यहां उनसे मतदान कराया गया। दिव्यांग मतदाताओं ने एक साथ मतदान कर अपनी जीवटता और लोकतंत्र के प्रति विश्वास का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

दिव्यांग ब्राण्ड एम्बेसेडर विक्रम अग्निहोत्री ने पैरों से मतदान कर प्रस्तुत की अनूठी मिसाल।

दोनों हाथ नहीं होने की दिव्यांगता के बाद भी विक्रम अग्निहोत्री ने कभी भी अशक्तता एवं किसी कार्य में रूकावट महसूस नहीं की। अपनी जीवटता से उन्होंने हर उस कार्य को अंजाम दिया जो उन्होंने चाहा। हर चुनाव में वे अपने पैरों की उंगलियों का उपयोग कर मतदान करते आये हैं। उनकी इस जीवटता को देखकर निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें दिव्यांग ब्राण्ड एम्बेसेडर भी बनाया गया। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान कर उन्होंने सभी मतदाताओं के लिए एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है विक्रम ने अपने पिता सेवानिवृत्त आईजी विनयकांत अग्निहोत्री के साथ स्कीम 78 स्थित इटमा स्कूल में बने मतदान केन्द्र में मतदान किया।

कलेक्टर ने सतत भ्रमण कर लिया व्यवस्थाओं का जायजा।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने सतत भ्रमण कर मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने मतदान केंद्रों में पहुंचकर मतदाताओं को दी जा रही सुविधाओं और मतदान संबंधी अन्य व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।

दूल्हों ने भी किया मतदान।

इंदौर जिले के विधानसभा क्षेत्र देपालपुर के चान्देर गांव में बने आदर्श मतदान केन्द्र क्रमांक 117 में दो दूल्हे पहुंचे तो लोगों को किसी बारात आने का एहसास हुआ। जब दूल्हे ईश्वर पिता कमल और पूनम पिता कमल अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए अंदर पहुंचे तो वहां मौजूद सभी लोगों ने लोकतंत्र के प्रति उनकी जागरूकता की सराहना की। पूर्ण उत्साह के साथ दोनों ने मतदान में हिस्सा लिया।

कलेक्टर की पहल पर अनेक मतदाताओं को मिली मतदान की सुविधा।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने एक आदेश जारी कर शासकीय/अशासकीय/अर्द्धशासकीय/व्यावसायिक/औद्योगिक एवं निजी संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों को मतदान की सुविधा प्रदान किये जाने हेतु सवैतनिक अवकाश दिये जाने के निर्देश दिये थे। इस आदेश को प्रभावी रूप से पालन कराने की अधिकारियों को जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। अधिकारियों ने आवंटित क्षेत्रों का सघन रूप से भ्रमण कर अशासकीय/अर्द्धशासकीय/व्यावसायिक/औद्योगिक एवं निजी संस्थानों की जाँच की। जाँच के दौरान कई जगह ऐसे कर्मचारी मिले जिन्होंने मतदान नहीं किया था और वह संस्थान में कार्य कर रहे थे। अधिकारियों ने निर्देश देकर उक्त कर्मचारियों को मतदान के लिए भेजा। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश का पालन नहीं करने वाले अनेक संस्थानों के विरूद्ध कार्रवाई भी की गई। कलेक्टर की इस पहल से अनेक कर्मचारियों को मतदान की सुविधा प्राप्त हुई।

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