इमरान तुमको शर्म क्यों नहीं आती..?

  
Last Updated:  February 20, 2019 " 05:39 pm"

इंदौर: { गोविंद मालू }इमरान तुम क्रिकेट के श्रेष्ठ खिलाड़ी रहे हो, सिर्फ एक देश के ही नहीं, बल्कि लम्बे समय तक विश्व क्रिकेट के हीरो रहे हो! मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि कोई व्यक्ति जब लम्बे समय तक जिस क्षेत्र में रहता है, उसमें उसका प्रभाव परिलक्षित होने लगता है। खिलाड़ी होने के नाते उस भावना का प्रदर्शन वे कई मर्तबा मैदान पर देखा भी गया है! जब इमरान राजनेता बने, तब भारतीयों ने सोचा था कि पाकिस्तान में एक अच्छी भावना का संचार हुआ है और भविष्य में इसका अच्छा प्रभाव भी सामने आएगा। लेकिन, अफ़सोस कि इमरान खान में वही पुराना ढर्रा, नापाक हरकतें, लड़ने को आमादा, कट्टरपंथी विचारधारा और कुतर्कों से आतंकवाद का बचाव। इमरान पाकिस्तान में आतंकवाद के तिलिस्म को नहीं तोड़ पाए और पाकिस्तान के बेबस वजीरेआजम बनकर रह गए! अफसोस है कि इमरान तुमको ऐसी कुर्सी पर बैठकर शर्म भी नहीं आती!

पुलवामा की घटना के बाद भी आपने पल्ला झाड़ा! लेकिन, कल आपने कहा कि यह नया पाकिस्तान है और भारत सबूत दे तो हम कर्रवाई करेंगे। आपने अपनी धरती से हिंसा न हो, इस बारे में भी इशारा किया और बातचीत की पहल की पेशकश की। लेकिन, फिर भी अपनी सेना के अपरोक्ष दबाव का ध्यान आते ही इमरान ने यू-टर्न लिया और कहा कि हमला हुआ तो जवाबी कार्रवाई बगैर मौका दिए की जाएगी!

भारत से रिश्ते सुधारने का इमरान आप फिर एक मौका चूक गए! अपने नाम (इमरान याने मजबूत) को सार्थक करने के बजाए सेना के हाथों मजबूर सदर साबित हो रहे हो! आप सेना के प्रवक्ता नहीं आप वज़ीरे-आज़म हो! इमरान नया पाकिस्तान ऐसे नहीं बनता जैसे आप बोल रहे हो? जब ‘जैश’ पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ले रहा है, तो आप क्यों नहीं लेते? वो आवाज आपको सुनाई नहीं दे रही क्या? यदि हाफ़िज सईद और मसूद अज़हर के आतंक से पिंड छुड़ाना चाहते हैं तो कमर कस लीजिए, मजबूत बनिए मजबूर नहीं! भारत आपके साथ खड़ा होगा। कंगाल, बदहाल, भिखमंगा पाकिस्तान को बचाना हो और नया पाकिस्तान बनाना हो तो, महत्तम समापवर्तक यही है इमरान कि आपको भारत से भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों श्रीमती इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी से सीख लेना होगी, जिन्होंने आतंकवाद के ख़िलाफ़ मुकाबला करते हुए अपने प्राण गंवा दिए! लेकिन, आतंकवाद के सामने आपकी तरह झुके नहीं।

इमरान आपने क्रिकेट में मजबूत पारी खेली है, अब इसी खेल भावना से पुलवामा की घटना की जिम्मेदारी लो और ‘जैश’ के सरगना अज़हर और मोस्ट वाण्टेड हाफ़िज को भारत के हवाले करो! कश्मीर के लिए भारत से सीधी, सधी हुई और खिलाड़ी भावना से बात करो। साथ ही अपनी सेना को उसकी औकात में रहने की सिंह गर्जना करो, तभी नया पाकिस्तान बना पाओगे। यह पाकिस्तान के भविष्य इस एशिया महाद्वीप की शान्ति के लिए तवारीख़ में नई इबारत लिखेगा! वरना, अब पाकिस्तान के एक टुकड़े के वजीरे-आजम बनकर रह जाओगे! पाकिस्तान के चार टुकड़े होने से नहीं रोक पाओगे और तुम्हारा कलमा पढ़ने वाला भी नहीं मिलेगा। आमीन।

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