उमंग और उल्लास के साथ मनाया जाएगा प्रभु यीशु के अवतरण का पर्व क्रिसमस

  
Last Updated:  December 23, 2022 " 08:12 pm"

रेड चर्च सहित सभी गिरजाघरों में होंगी विशेष प्रार्थना सभाएं।

24 दिसंबर की रात रेड चर्च में केवल पासधारी लोगों को ही मिलेगा प्रवेश।

25 दिसंबर को सभी के लिए खुला रहेगा चर्च।

गौशालाएं सजेंगी, केरोल गीत गाए जाएंगे, होगी आकर्षक रोशनाई।

विश्व, देश, प्रदेश और शहर में शांति की कामना की जाएगी।

इंदौर : प्रभु यीशु का अवतरण दिवस क्रिसमस के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर रेड चर्च सहित तमाम गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाएं होंगी, केरोल गीत गाए जाएंगे और और एक – दूसरे को बधाई देते हुए प्रभु यीशु के अवतरण की खुशी व्यक्त की जाएगी। यह जानकारी बिशप चाको ने ने पत्रकारों को दी। फादर बाबू जोसेफ भी इस दौरान मौजूद रहे।

विशेष प्रार्थना सभा में पास के जरिए होगी एंट्री।

बिशप चाको ने बताया कि प्रभु यीशु के अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में 24 दिसंबर की रात रेड चर्च में होने वाली विशेष प्रार्थना सभा में सीमित संख्या में लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए प्रवेश पत्र वितरण की व्यवस्था की गई है। जिन लोगों के पास प्रवेश पत्र होंगे केवल उन्हें ही चर्च में एंट्री की पात्रता होगी। जगह की कमी को देखते हुए अनावश्यक भीड़ से बचने और व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है। हालांकि 25 दिसंबर को चर्च सभी के लिए खुला रहेगा।

विश्व, देश, प्रदेश और शहर में शांति की कामना करेंगे।

बिशप चाको ने बताया कि विशेष प्रार्थना सभा के दौरान प्रभु यीशु के संदेश के अनुरूप विश्व के साथ देश, प्रदेश और शहर में भी शांति की कामना की जाएगी।

गौशालाएं सजेंगी, रोशन होंगे गिरजाघर।

बिशप चाको ने बताया कि क्रिसमस के मौके पर रेड चर्च सहित शहर के सभी गिरजाघरों में में गौशालाएं सजाई जाएंगी, क्योंकि प्रभु यीशु का जन्म गौशाला में ही हुआ था। इसी के साथ तमाम गिरजाघरों में आकर्षक रोशनाई भी की जाएगी। बिशप चाको ने बताया कि प्रभु यीशु के अवतरण के उपलक्ष्य में केरोल गीत गाए जाएंगे, विशेष प्रार्थना सभाएं होगी और लोग एक – दूसरे के साथ क्रिसमस की खुशियां बांटेंगे।

सांता क्लाज प्रभु यीशु का भक्त था।

बिशप चाको ने स्पष्ट किया कि क्रिसमस प्रभु यीशु के अवतरण का पर्व है। सांता क्लाज केवल प्रभु यीशु का भक्त था। मानव मात्र की सेवा करने में उसे आनंद मिलता था, इसीलिए उसको याद किया जाता है।

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