इंदौर : एएसजी आई हॉस्पिटल की इंदौर में स्थापना को 3 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस उपलक्ष्य में मंगलवार को एमजी रोड पर टीआई मॉल के समीप स्थित हॉस्पिटल परिसर में स्थापना दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। ख्यात प्लास्टिक सर्जन डॉ. निशांत खरे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी विशेष अतिथि के बतौर मौजूद रहे।
बच्चों और पालकों को जागरूक करने की जरूरत।
डॉ. खरे ने इस मौके पर अपने विचार रखते हुए एएसजी हॉस्पिटल को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि बच्चे आजकल मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप और टीवी पर अधिक समय बिताते हैं जिससे बचपन में ही उनकी आंखें कमजोर होने लगी हैं। ऐसे में बच्चों व उनके परिजनों को आंखों की सुरक्षा को लेकर जागरूक करने की जरूरत है। स्कूलों में भी इस बात की जानकारी बच्चों को दी जानी चाहिए कि इलेक्ट्रॉनिक गजट का इस्तेमाल सीमित रूप से करें।
देश – विदेश में है एएसजी हॉस्पिटल्स की चेन।
इस दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए एएसजी हॉस्पिटल, इंदौर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. विनीत मुथा ने बताया कि देश – विदेश में 39 शहरों में 46 अस्पतालों के जरिए एएसजी समूह अत्याधुनिक नेत्र चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा है। इंदौर में बीते 3 वर्षों में एएसजी हॉस्पिटल ने 40 हजार नेत्र रोगियों का इलाज किया है। मोतियाबिंद के साथ ही रेटिना, ग्लूकोमा, कार्निया ट्रांसप्लांट और आंखों से जुड़ी अन्य बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज यहां किया जाता है। कोरोना काल में ब्लैक फंगस का कारगर उपचार भी एएसजी आई हॉस्पिटल में किया गया।
सामाजिक दायित्वों का किया निर्वहन।
डॉ. मुथा ने बताया कि एएसजी हॉस्पिटल ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन भी बखूबी किया है। बीते तीन वर्षों में सैकड़ों बुजुर्गों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन नि:शुल्क किए गए हैं। प्रत्येक रविवार को बुजुर्ग व बच्चे और बुधवार को महिलाओं की आंखों की मुफ्त जांच की जाती है। इसी के साथ 400 से अधिक स्कूल बस के चालकों का नि:शुल्क नेत्र परीक्षण भी हॉस्पिटल द्वारा किया गया है।
डॉ. मुथा ने बताया कि उनके यहां सभी सरकारी बीमा योजनाओं के तहत इलाज किया जाता है। आयुष्यमान भारत योजना में आंखों के उपचार के लिए भी उन्होंने आवेदन कर रखा है।