इंदौर : मरीजों से इलाज के नाम पर भारी लूट मचाने वाले भंवरकुआ स्थित एपल हॉस्पिटल को प्रशासन ने नोटिस थमा दिया है। अस्पताल प्रबंधन से जांच के दौरान पाई गई अनियमितताओं और मरीजों से की जा रही लूट को लेकर तीन दिन में जवाब मांगा गया है।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने की थी जांच।
एक मरीज से इलाज के नाम पर मनमाने ढंग से लाखों रुपए वसूलने के मामले में मिली शिकायत के बाद कलेक्टर के आदेश पर पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एप्पल अस्पताल पहुंचकर सघन जांच की थी।
जब्त बिलों और दस्तावेज खंगालने के बाद जूनी इंदौर एसडीएम और डॉ.अमित मालाकार ने जो जांच प्रतिवेदन तैयार किया उसमें मुख्य रूप से इस तरह की अनियमितताएं मिली थीं।
* 22 दिन तक कोरोना मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती रखा गया और लगभग 6 लाख का बिल थमा दिया ।
* हॉस्पिटल प्रबंधन ने इतने भारी भरकम बिल के बावजूद एक लाख की दवाइयां अलग से मंगवाई।
* पीपीई किट , आइसोलेशन चार्ज और यूनिवर्सल प्रोटेक्शन के नाम पर प्रतिदिन 9000 के हिसाब से राशि वसूल की गई।
* आईसीएमआर के निर्देश और डब्लूएचओ की गाइडलाइन के विपरीत एसिंप्टोमेटिक मरीज होने के बावजूद चार बार आरटी पीसीआर कोविड टेस्ट निजी लैब से करवाया गया, इसमें भी निजी लैब में जो टेस्टिंग चार्ज लगता है, उससे अधिक शुल्क मरीज से वसूल किया गया जबकि एक बार भी ये टेस्ट करवाने की आवश्यकता नहीं थी।
* हॉस्पिटल की लूट यही खत्म नही हुई बल्कि तीन से चार डॉक्टरों की रोजाना विजिट करवा कर प्रत्येक डॉक्टर की 3 हजार रु फीस चार्ज की गई और एक लाख की राशि तो डॉक्टरों की विजिट फीस के रूप में ही मरीज से वसूल कर ली गई।
* छापे के दौरान हॉस्पिटल से जो बिल और रिकार्ड मिले थे उनकी जांच में भी कई तरह की अनियमितता नजर आई। हर मरीज से लिए गए शुल्क की राशि में भी अंतर मिला।
जिला प्रशासन ने जांच प्रतिवेदन के आधार पर हॉस्पिटल प्रबंधन को नोटिस देकर तीन दिन में जवाब देने को कहा है। उन डॉक्टरों से भी जवाब तलब किया गया है, जिन्होंने प्रति विजिट के तीन हजार रुपए तक चार्ज किए थे।