एल आय सी के निजीकरण के प्रयासों के खिलाफ सड़क पर उतरे कर्मचारी

  
Last Updated:  December 11, 2022 " 09:11 pm"

सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्प्लॉयज एसो. का तीन दिवसीय अधिवेशन प्रारंभ।

सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ निकाली गई रैली।

आर्थिक उदारीकरण संबंधी नीतियों पर रोक लगाने की मांग की।

इंदौर : मप्र और छत्तीसगढ़ के जीवन बीमा कर्मचारियों के संगठन सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्प्लॉयज एसोसिएशन का 11 वा क्षेत्रीय महाअधिवेशन रविवार 11 दिसंबर 2022 को रैली के साथ प्रारंभ हुआ। एल आय सी के एम जी रोड स्थित मंडल कार्यालय से प्रारंभ हुई इस रैली में मप्र – छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से आए प्रतिनिधियों ने शिरकत की। हाथों में ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्प्लॉयज एसो. के झंडे थामें ये कर्मचारी केंद्र सरकार की निजीकरण और विनिवेश संबंधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। रैली विभिन्न मार्गों से होती हुई साउथ तुकोगंज स्थित पंजाब अरोड वंशीय धर्मशाला पहुंची, जहां तीन दिवसीय अधिवेशन की विधिवत शुरुआत हुई।

आठ मंडलों के तीन सौ प्रतिनिधि कर रहे शिरकत।

सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्प्लॉयज एसोसिएशन के महासचिव डी आर महापात्र ने बताया कि इस अधिवेशन में मप्र व छत्तीसगढ़ के आठ मंडलों रायपुर, बिलासपुर, शहडोल, सतना, जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर और इंदौर के करीब तीन सौ प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

श्री महापात्र ने बताया कि 14 दिसंबर तक चलने वाले इस अधिवेशन में केंद्र सरकार की वैश्वीकरण, निजीकरण और विनिवेश की नीतियों का पुरजोर विरोध करते हुए प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।

देश की अधोसरंचना के विकास में एल आय सी का बड़ा योगदान।

श्री महापात्र ने बताया कि एलआयसी का देश के अधोसरंचनात्मक विकास में अहम योगदान रहा है। 28 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का योगदान एलआयसी विभिन्न क्षेत्रों के विकास में दे चुकी है। इतने अहम सेक्टर को सरकार निजी हाथों में सौंपने का प्रयास कर रही है जो किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।

विनिवेश और निजीकरण की नीतियां वापस लें सरकार।

महापात्र के अनुसार केंद्र सरकार 42 लाख करोड़ के भारतीय जीवन बीमा निगम को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करके अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रही है। साढ़े तीन फीसदी हिस्सेदारी वह बेच भी चुकी है। हमारी मांग है कि सरकार जीवन बीमा निगम में विनिवेश और निजीकरण का प्रयास बंद करें। इसी के साथ जनरल इंश्योरेंस और सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने की नीति पर भी रोक लगाई जाए।

विभाजनकारी राजनीति बंद हो।

महापात्र ने बताया कि सरकार की आर्थिक उदारीकरण की नीतियों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के साथ सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्प्लॉयज एसोसिएशन के अधिवेशन में विभाजनकारी सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

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