इंदौर : कैलाश विजयवर्गीय और अन्य नेताओं के दबाव बनाने पर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने रविवार के लॉकडाउन से राखी, पूजन सामग्री, मिठाई व नमकीन की दुकानों को छूट तो दे दी लेकिन दिनभर ज्यादातर दुकानदार ग्राहकों के लिए तरसते रहे। लोगों को उम्मीद थी कि रक्षाबन्धन के चलते रविवार को लॉकडाउन से पूरी छूट दे दी जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ज्यादातर बाजार बंद होने से शहर में चहल पहल नजर नहीं आई। लॉकडाउन के कारण बहनों ने शनिवार को ही राखी सहित तमाम जरूरी वस्तुओं की खरीददारी कर ली थी। इसके चलते रविवार को कम ही लोग बाहर निकले।
राजवाड़ा क्षेत्र में नहीं दिखी चहल- पहल।
शहर के सबसे व्यस्ततम कहे जाने वाले राजवाड़ा क्षेत्र में राखी व पूजन सामग्री की दुकानों पर ग्राहकी का वैसा नजारा दिखाई नहीं दिया जिसकी अपेक्षा की जा रही थी। दुकानदारों का कहना था कि प्रशासन को दो दिन पहले ही रविवार के लॉकडाउन में छूट का आदेश जारी कर देना था। शनिवार देर रात सीमित छूट का ऐलान करना किसी मतलब का नहीं रहा। लोग लॉकडाउन के चलते घरों में रहने का मन बना चुके थे, ऐसे में ग्राहकी न के बराबर हुई। संजय सेतु के समीप लगा राखी का बाजार हो या मारोठिया की पूजन सामग्री की दुकानें, कहीं भी भीड़ होना तो दूर ग्राहकों के लिए दुकानदार तरसते रहे।।व्यस्त रहने वाले मालवा मिल क्षेत्र में भी हालात अलग नहीं थे।
मिठाई व्यापारियों को लगा जोरदार झटका।
प्रशासन द्वारा रविवार को मिठाई और नमकीन की दुकानें भी खोलने की अनुमति दी गई थी। मिठाई विक्रेताओं को उम्मीद थी कि राखी के चलते ग्राहकी अच्छी होगी पर उनकी उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा। कोरोना संक्रमण के डर से लोगों ने बाजार से मिठाई खरीदने की बजाय घर पर ही मिठाई बनाने को प्राथमिकता दी।
कुल मिलाकर लॉकडाउन में आधी- अधूरी छूट देने से न लोगों को कोई लाभ हुआ और न ही कारोबारियों को। इसे स्पष्ट सोच और रणनीति का अभाव ही माना जा सकता है।