दोहरीकरण कार्य के चलते बीती 10 फरवरी को लिया गया था मेगा ब्लॉक।
परिवर्तित रूट से चलाई जा रही थी लंबी दूरी की ट्रेनें।
निरस्त की गई पैसेंजर ट्रेनें भी की गई बहाल।
इंदौर: उज्जैन – देवास – इंदौर के बीच रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण कार्य के के तहत कडछा से बरलाई के बीच लगभग 37 किमी के क्षेत्र में लिंकिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन और सिग्नलिंग कार्य के लिए बीती 10 फरवरी से 24 फरवरी तक मेगा ब्लॉक लिया गया था। रेलवे के रतलाम मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने बताया कि कड़छा से बरलाई सेक्शन में काम पूरा हो चुका है। इसके पूर्व दिसंबर 2020 में उज्जैन से कड़छा के बीच के क्षेत्र में काम पूरा हो चुका था। बाद में कोरोना काल के चलते काम आगे नहीं बढ़ पाया था। अब उज्जैन से बरलाई तक करीब 57 किमी रेलवे ट्रैक से जुड़ा काम पूरा हो गया है। अब बरलाई से इंदौर सेक्शन में करीब 21 किमी का काम शेष है।
120 किमी की स्पीड से हुआ ट्रायल रन।
कड़छा से बरलाई सेक्शन में दोहरीकरण कार्य पूरा होने के बाद सीआरएस (कमिश्नर रेलवे सेफ्टी) ने निरीक्षण यान के जरिए 120 किमी की स्पीड से रेलवे ट्रैक की क्षमता जांची।
रतलाम मंडल के रेलवे पीआरओ खेमराज मीणा ने बताया कि सीआरएस का क्लियरेंस मिलने के बाद परिवर्तित रूट से चलाई जा रही लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन पुनः पुराने रूट से किया जाने लगा है। इसी के साथ निरस्त की गई पैसेंजर ट्रेनों के संचालन को भी हरी झंडी दे दी गई है।