कभी गूगल में काम करना चाहती थी, आज चार कॉलेजों के संचालन में निभा रहीं अहम भूमिका

  
Last Updated:  March 9, 2024 " 12:46 am"

🔹अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष🔹

सफल उद्यमी और अकादमिक क्षेत्र की जानी – मानी हस्ती चानी त्रिवेदी ने की अवर लाइव इंडिया.कॉम के साथ खास बातचीत।

साझा किए अपनी जिन्दगी के कई अनछुए पहलू ।

इंदौर : बदलते दौर के साथ हर क्षेत्र में महिलाओं का दखल बढ़ा है। शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा जिसमें महिलाओं की भागीदारी न हो। जिन क्षेत्रों में कभी पुरुषों का एकाधिकार हुआ करता था, उनमें भी महिलाएं अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रहीं हैं। कारोबारी जगत ऐसा ही क्षेत्र था जिसमें महिलाओं की भागीदारी न के बराबर हुआ करती थीं पर आज कई उद्यमी महिलाएं हैं जो बड़ी – बड़ी कंपनियों के एमडी, सीईओ या चेयरपर्सन जैसे पदों को सुशोभित कर रहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम एक ऐसी ही महिला से आपको परिचित कराने जा रहे हैं जो सफल उद्यमी होने के साथ कई विधाओं में भी पारंगत है। इंदौर निवासी ये महिला हैं श्रीमती चानी त्रिवेदी। कभी गूगल में काम करने की चाहत रखने वाली चानी त्रिवेदी आज एक स्कूल और चार कॉलेज का संचालन अपने पति किंशुक त्रिवेदी के साथ सफलतापूर्वक कर रहीं हैं। इतना ऊंचा मुकाम हासिल करने के बावजूद वे बेहद हंसमुख, विनम्र और संवेदनशील हैं। अवर लाइव इंडिया.कॉम के साथ उन्होंने अपनी जिन्दगी के कई अनछुए पहलुओं को साझा किया।

सिंधिया रियासत में प्रधानमंत्री रहे परदादा।

चानी जी बताती हैं कि उनका ताल्लुक प्रतिष्ठित परिवारों से है। परिवार (मायका) मूल रूप से शुजालपुर का निवासी रहा है। उनके परदादा लीलाधर जोशी ग्वालियर रियासत में प्रधानमंत्री के पद पर रहे। दादाजी विद्याधर जोशी मोतीलाल वोरा सरकार में मंत्री रहे। पिता महेंद्र जोशी ने पुलिस की नौकरी छोड़कर पॉलिटिक्स ज्वाइन की। वे कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं। ससुराल पक्ष में ससुर उमेश त्रिवेदी मप्र के जाने – माने वरिष्ठ पत्रकार हैं। नईदुनिया में उन्होंने लंबे समय तक काम किया। बाद में भोपाल से निकलने वाले राज्य की नईदुनिया के वे संपादक रहे। फिलहाल वे सुबह – सवेरे दैनिक अखबार का प्रकाशन करते हैं। सासू मां रश्मि त्रिवेदी एक स्कूल का संचालन करती हैं, जो उन्होंने 1988 में प्रारंभ किया था।

आईटी सेक्टर में किया जॉब।

चानी त्रिवेदी ने बताया कि उनकी स्कूली और कॉलेज की शिक्षा भोपाल में हुई। वहीं से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। बाद में बंगलुरु से एमबीए की डिग्री हासिल की। अकादमिक योग्यता के जरिए उन्हें नामी आईटी कंपनी टीसीएस में काम करने का मौका मिला। वे कंपनी की हैदराबाद शाखा में एचआर का दायित्व संभालती थी।

गूगल में काम करना चाहती थी।

चानी जी के अनुसार टीसीएस हैदराबाद में जॉब करते हुए उनकी चाहत थी कि वे विदेश जाकर गूगल में काम करें। इस बीच उनकी शादी तय हो गई और शादी के बाद पति किंशुक त्रिवेदी के साथ वे इंदौर आ गई और अकादमिक फील्ड से जुड़ गई। पति किंशूक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट होने के साथ एमबीए भी हैं।

चार कॉलेजों के संचालन में निभा रहीं अहम भूमिका।

चानी त्रिवेदी के ससुर उमेश त्रिवेदी प्रदेश के दिग्गज जर्नलिस्ट तो हैं ही अपने मित्र डॉ. विनोद भंडारी के साथ मिलकर उन्होंने अरविंदो समूह की नीव रखी और प्रदेश का पहला निजी मेडिकल कॉलेज सैम्स 2003 में उज्जैन रोड पर स्थापित किया। श्रीमती चानी बताती हैं कि 2009 में शादी के बाद वे जब पति किंशुक त्रिवेदी के साथ इंदौर आई तो श्री अरविंदो मेडिकल कॉलेज में ही एचआर की जिम्मेदारी संभालने का मौका मिला। बाद में 2009 में ही पति किंशुक ने श्री अरविंदो इंस्टीट्यूट टेक्नोलॉजी की स्थापना की। उसी वर्ष में श्री अरविंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस, श्री अरविंदो इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी भी प्रारंभ किए गए। चानी जी ने बताया कि ये तीनों कॉलेज स्थापित होने के बाद एमबीए होने कारण वे मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में पढ़ाने लगी। धीरे – धीरे पति के साथ इन कॉलेज के प्रशासनिक कामकाज में भी हाथ बंटाने लगी अब तो कॉलेज के संचालन में भी वे अहम भूमिका निभा रहीं हैं। चानी जी ने बताया कि उनका मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट डीएवीवी और इंजीनियरिंग व अन्य कॉलेज आरजीपीवी से संबद्ध हैं। पिछले वर्ष ही उन्होंने सेंटर फॉर डिजाइन स्टडीज भी शुरू किया है, जिसमें एनीमेशन, ग्राफिक डिजाइनिंग सहित अन्य कोर्स चलाए जा रहे हैं। वर्तमान में करीब दो हजार स्टूडेंट्स इन कॉलेजों में अध्ययनरत हैं। ढाई सौ से ज्यादा फैकल्टीज यहां सेवाएं दे रहीं हैं। समय की मांग के अनुरूप कई नए कोर्सेस भी यहां शुरू किए गए हैं।कई कंपनियां यहां हर साल प्लेसमेंट के लिए आती हैं। डिग्री लेकर निकलने वाले 70 फीसदी से अधिक बच्चों को अच्छी जॉब मिल जाती है।

आर्किड स्कूल के साथ है टायअप।

चानी त्रिवेदी ने बताया कि उन्होंने बच्चों के लिए 2021में स्कूल भी शुरू किया। बाद में ख्यात स्कूल चैन आर्किड के साथ टायअप किया। अब यह स्कूल आर्किड के नाम से ही संचालित हो रहा है।

फैशन डिजाइनिंग कोर्स शुरू करेंगे।

चानी जी बताती हैं कि उनकी इच्छा सेंटर फॉर डिजाइन स्टडीज में फैशन डिजाइनिंग कोर्स शुरू करने की है। इस दिशा में वे प्रयासरत हैं।

पेरेंट्स अपनी अपेक्षाएं बच्चों पर न लादे।

विद्यार्थियों में परीक्षा को लेकर बढ़ते तनाव और हताशा को लेकर चानी जी कहती हैं कि वे स्टूडेंट्स के परिजनों को बुलाकर उनसे बात करती रहती हैं। परिजनों से वे यहीं कहती हैं कि अपनी अपेक्षाएं बच्चों पर न लादे। उनसे संवाद बनाएं रखें। उनकी परेशानियां जानकर उनके निराकरण का प्रयास करें। प्रबंधन की ओर से भी वे विद्यार्थियों को काउंसलिंग के जरिए मोटिवेट करने का प्रयास करती हैं।

केवल एग्जाम के लिए नहीं सीखने के लिहाज से पढ़ें।

चानी त्रिवेदी के मुताबिक वे मानती हैं कि केवल एग्जाम ही विद्यार्थियों की योग्यता का मापदंड नहीं होना चाहिए। वे परीक्षा के लिए नहीं, सीखने के लिए पढ़ें।उनकी रुचि व क्षमता को पहचानकर संबंधित क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। पढ़ाई का वातावरण तनाव मुक्त हो, इस दिशा में वे काम करना चाहती हैं। चानी जी के मुताबिक बच्चों व उनके परिजनों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए वे हमेशा प्रयासरत रहती हैं।

कला विधाओं में भी है रुचि।

सफल उद्यमी होने के साथ चानी जी इवेंट मैनेजमेंट, संगीत, नृत्य, चित्रकला आदि विधाओं में भी रुचि रखती हैं।उन्होंने शास्त्रीय गायन, कत्थक सीखा भी है। इसके अलावा चित्रकला में भी हाथ आजमाएं हैं। पुस्तकें पढ़ना, लोगों से मिलना, बात करना उन्हें पसंद है।

आईएमए के विमेंस कॉन्क्लेव का किया सफल आयोजन।

चानी त्रिवेदी इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन की कार्यकारिणी सदस्य होने के साथ इसकी महिला शाखा से भी जुड़ी हैं। 2023 आइएमए विमेंस कॉन्क्लेव का आयोजन उन्हीं की अगुवाई में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ था।

अपने सपनों को हौसले की उड़ान दें।

उद्यमिता में आने की इच्छुक महिलाओं से चानी त्रिवेदी का कहना है कि वे अपनी रुचि और क्षमता के अनुरूप सही क्षेत्र का चुनाव करें और अपने सपने को हौसले की उड़ान देने के साथ कड़ी मेहनत करें, सफलता निश्चित ही उनके कदम चूमेगी।

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