नई दिल्ली: मप्र के सीएम कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़, अश्विन शर्मा, राजेन्द्र निग्लानी और अन्य करीबियों के इंदौर, दिल्ली और गोवा स्थित 50 से अधिक ठिकानों पर आयकर छापे की कार्रवाई पूरी हो गई है। 30 घंटे से ज्यादा समय तक चली इस कार्रवाई में 300 से अधिक अफसर लगे थे। उनकी सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए थे। चुनावी मौसम में की गई इस कार्रवाई के दौरान जमकर सियासत हुई। बयानों के जरिये वार- पलटवार की होड़ मची रही। एक मौका तो ऐसा भी आया जब प. बंगाल जैसे हालात भोपाल में भी निर्मित हो गए। सीआरपीएफ और मप्र पुलिस आमने- सामने हो गए। उनमे गाली गलौज और कहासुनी तक हो गई। गनीमत रही कि बात इससे आगे नहीं बढ़ी।
बहरहाल जांच- पड़ताल के बाद आयकर विभाग की टीमें करोड़ों की धनराशि, जेवरात और जरूरी दस्तावेज जब्त कर रवाना हो गई और छापे से शुरू हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा भी खत्म हो गया।
281 करोड़ के बेहिसाबी कैश रैकेट का खुलासा।
छापे की कार्रवाई पूरी होने के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस सीबीडीटी ने अधिकृत रूप से खुलासा किया कि राजनीति, कारोबार और सरकारी सेवाओं से जुड़े लोगों के यहां मारे गए छापों में 281 करोड़ रुपए के बेहिसाबी कैश रैकेट का खुलासा हुआ। सीबीडीटी के मुताबिक केश का एक हिस्सा हवाला के जरिये एक बड़े राजनीतिक दल को ट्रांसफर किया गया। इसमें 20 करोड़ की वह रकन भी शामिल है जो तुगलक रोड निवासी पार्टी पदाधिकारी केे यहां से पार्टी मुख्यालय भेजी गई।
14.6 करोड़ की बेहिसाबी नकदी जब्त।
सीबीडीटी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छापे की इस कार्रवाई में 14.6 करोड़ की बेहिसाबी नकदी, सैकडों शराब को बोतलें, हथियार और बाघ की खालें बरामद की गई हैं। इसके साथ कमलनाथ के दिल्ली निवासी करीबी के यहां जांच – पड़ताल में 230 करोड़ के बेनामी लेनदेन का भी पता चला है। जो एक डायरी में दर्ज है
242 करोड़ के मिले फर्जी बिल।
सीबीडीटी के खुलासे के अनुसार छापे में 242 करोड़ के फर्जी बिलों के जरिये हेरफेर और विदेशों में 80 कम्पनियों के भी सबूत मिले हैं। इसी तरह दिल्ली के पाश इलाकों में बेनामी सम्पत्तियों की भी जानकारी मिली है।