कमलनाथ सरकार के लिए भारी है आगामी एक माह- गोपाल भार्गव

  
Last Updated:  July 6, 2019 " 02:40 pm"

इंदौर: मप्र में कमलनाथ सरकार को 7 माह पूरे हो गए हैं पर एक भी वादा इस सरकार ने पूरा नहीं किया है। किसान परेशान हैं। वे अभी भी कर्ज माफी की राह देख रहे हैं। सहकारी सोसायटियां और बैंकें दिवालिया होने की कगार पर हैं। बेरोजगारों को भत्ता नहीं मिल सका हैं। अपहरण, हत्या, लूट और दुष्कर्म जैसे संगीन अपराधों में भारी इजाफा हुआ है। कानून- व्यवस्था की स्थिति चौपट हो गई है। ये सरकार विनाशकारी सरकार साबित हुई है। 8 जुलाई से प्रारंभ हो रहे विधानसभा सत्र में इन तमाम मुद्दों पर बीजेपी, कमलनाथ सरकार की घेराबंदी करेगी। ये बात नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कही। वे शनिवार शाम स्थानीय बीजेपी कार्यालय में पत्रकार वार्ता के जरिये अपनी बात रख रहे थे।

मंत्रालय पर है दलालों का कब्जा।

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश में तबादला उद्योग चल रहा है। एक सप्ताह में तीन- तीन बार जिला कलेक्टर बदले जा रहे हैं। अधिकारी सूटकेस लेकर बैठे रहते हैं। पता नहीं कब कहां का फरमान निकल जाए। तबादलों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। मन्त्रालय दलालों का अड्डा बन गया है।

ज्योतिषी भी कहते हैं सरकार अल्पायु है।

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ये सरकार कभी भी धराशायी हो सकती है। ज्योतिषी भी मानते हैं कि ये सरकार अल्पायु है।

आगामी एक माह सरकार के लिए भारी..!

नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने इशारों- इशारों में कहा कि आगामी एक माह कमलनाथ सरकार के लिए भारी है। सरकार को समर्थन दे रहे विधायकों में असंतोष उभर रहा है। अपने ही बोझ से ये सरकार गिर जाएगी।

आकाश को लेकर सवालों में घिरे भार्गव।

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, आकाश विजयवर्गीय के बल्लाकांड को लेकर पत्रकारों के सवालों में घिर गए। वे इस मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे। सवालों के गोलमोल जवाब देकर उन्होंने अपना पीछा छुड़ाया।

पेट्रोल- डीजल पर प्रदेश सरकार का करारोपण गलत।

केंद्र सरकार के बजट में पेट्रोल- डीजल पर सेस लगाने का श्री भार्गव ने समर्थन किया लेकिन मप्र सरकार द्वारा 2 रुपए टैक्स लगाए जाने को गलत बताया। उनका कहना था इससे मप्र में पेट्रोल- डीजल अन्य प्रदेशों की तुलना में महंगा हो गया है। यही नहीं विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। 10 जुलाई को प्रदेश का बजट पेश होना है, ऐसे में उसके पहले मनमाने ढंग से पेट्रोल- डीजल पर करारोपण करना असंवैधानिक है।

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