कलेक्टर इलैया राजा ने कोरोना से अनाथ हुई बालिका के प्रति निभाया परिजन का फर्ज

  
Last Updated:  December 14, 2022 " 08:11 pm"

कलेक्टर की संवेदनशील पहल।

इंजीनियरिंग कर रही बालिका को कॉलेज आने-जाने के लिए दिलाया दो पहिया वाहन।

इंदौर : मंगलवार को संपन्न हुई जनसुनवाई में जिला प्रशासन विशेष कर कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी की संवेदनशील पहल देखने को मिली। जनसुनवाई में कोविड से अनाथ हुई बालिका के लिए जिला प्रशासन ने माता-पिता का फर्ज निभाया। इंजीनियरिंग कर रही बालिका प्रकृति माहेश्वरी को कॉलेज आने-जाने के लिए दो पहिया वाहन भेंट किया गया।

इंदौर के एक निजी कॉलेज से बीटेक कर रही बालिका प्रकृति ने बताया कि उसके माता-पिता की गत 2021 में कोविड महामारी के दौरान मृत्यु हो गयी थी। शासन और प्रशासन का मुझे हमेशा सहयोग मिलता रहा। उनके सहयोग से मुझे कोई बड़ी परेशानी नहीं हुई। मेरा एडमिशन विजय नगर स्थित एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में हुआ। मैं सुदामा नगर में रहती हूं। यहां से कॉलेज बहुत दूर पड़ता था। मुझे आने-जाने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। मैंने अपनी समस्या कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी को बतायी। उन्होंने गंभीरता के साथ मेरी समस्या को सुना और अधिकारियों को निराकरण के निर्देश दिए। मंगलवार को सुनवाई में मैं पहुंची तो कलेक्टर साहब ने मेरी समस्या को देखते हुए मुझे दो पहिया वाहन दिलवाया। इस वाहन की चाबी मुझे अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर और अजय देव शर्मा ने सौंपी। मुझे मेरी समस्या से निजात मिली, आज मैं बहुत खुश हूं।

कलेक्टर ने निभाया माता – पिता का फर्ज।

प्रकृति ने कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह मेरे नए जीवन की शुरूआत है। उन्होंने माता-पिता का फर्ज निभाया। प्रकृति ने कहा कि मेरा भी फर्ज है कि इंजीनियरिंग करने के बाद जरूरतमंदों की सेवा करूंगी और इस कर्ज को उतारूंगी।

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