इन्दौर : युवा कवि कल्पेश वाघ की पुस्तक ‘समय अभी तक वहीं खड़ा है’ का विमोचन समारोह रविवार को इंदौर प्रेस क्लब के आनंद मोहन माथुर सभागार में किया गया। साहित्य अकादमी मप्र शासन के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संस्कार भारती मालवा प्रान्त के अध्यक्ष योगेंद्र पिपलोनिया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। संस्मय प्रकाशन की संस्थापक शिखा जैन विशिष्ट अतिथि के बतौर मौजूद रहीं। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन और मां शारदा की वंदना के साथ कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ।
वाघ के काव्य संग्रह का विमोचन।
बाद में सभी अतिथियों ने कल्पेश वाघ की पुस्तक ‘समय अभी तक वहीं खड़ा है’ का विमोचन किया।
इस मौके पर स्वागत उद्बोधन देते हुए कवि कल्पेश वाघ ने अपने काव्यसंग्रह के चुनिंदा गीत भी पेश किए।
यह पुस्तक रचनाकार के जीवन की अनुक्रमणिका है।
अभिषेक व्यास ने पुस्तक पर चर्चा करते हुए कहा, ‘रचनाकार कल्पेश वाघ की पुस्तक उसके जीवन की अनुक्रमणिका है। यहाँ रिझाने का भाव नहीं बल्कि मौलिकता का प्रमाण है।’
कल्पेश वाघ की पुस्तक संस्कृतनिष्ठ हिंदी को बढ़ावा देती है।
मुख्य अतिथि योगेंद्र पिपलोनिया ने काव्यसंग्रह के प्रकाशन के लिए कल्पेश वाघ को बधाई दी। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. विकास दवे ने कहा, ‘कल्पेश वाघ की रचनाएँ संस्कृतनिष्ठ हिन्दी को बल देती हैं, जिससे भारत की परम्पराएँ संवर्धित होती हैं। विपरित धर्मी विचार के रक्तबीज हैं एक से सौ हो जाएँगे जैसी बात इनके काव्य में है।
पुस्तक को संस्मय प्रकाशन, दिल्ली ने प्रकाशित किया है। कवि कल्पेश मूलतः उज्जैन जिले के खाचरौद के रहने वाले हैं। काव्य संग्रह ‘समय अभी तक वहीं खड़ा है’ में युवा कवि कल्पेश वाघ के मुक्तक, कविताएं और गीत हैं। इस पुस्तक को प्रथम पुस्तक प्रकाशन योजना के अंतर्गत साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश से चयनित होकर अनुदान भी मिला है।
अध्यक्षीय उद्बोधन के पश्चात अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। संचालन वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेयी ने किया। आभार नरहरी केकरे ने माना।
आयोजन में प्राची वाघ, स्नेहा वाघ, डॉ. नीना जोशी, मुकेश तिवारी विघ्नेश दवे, पलक पटवर्धन, अर्चना चितले, अनिल जैन, श्रीराम वाघ, सीमा वाघ, दीपक शर्मा आदि उपस्थित रहे।