महाशिवरात्रि पर विद्याधाम में हिमालय की कंदराओं में विराजे शिव- पार्वती

  
Last Updated:  March 12, 2021 " 04:40 am"

इंदौर : विमानतल मार्ग स्थित श्रीविद्याधाम पर चल रहे नौ दिवसीय शिव नवरात्रि महोत्सव में 31 विद्वानों द्वारा आचार्य पं. राजेश शर्मा के निर्देशन में बुधवार सुबह से ही भगवान भवानी शंकर के रूद्राभिषेक, विशेष श्रृंगार दर्शन एवं अभिषेक का क्रम शुरू हो गया था।
अंतर्राष्ट्रीय कलाकार शिखा शर्मा एवं उनके सात सहयोगी कलाकारों ने गिरजेश्वर महादेव मंदिर के सामने 18 बाय 10 आकार में भगवान भोलेनाथ का दूल्हे के रूप में रंगोली से श्रृंगार किया। इसमें 55 किलो रंगोली का उपयोग किया गया। इसे बनाने में 22 घंटे से अधिक का समय लगा। संयोजक कीर्ति गुप्ता के अनुसार भोलेनाथ का साफा विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहा। साथ ही काजू, बादाम, पिस्ता एवं सूखे मेवों से भी श्रृंगार किया गया। वहीं गिरजेश्वर महादेव का भी हिमालय की कंदराओं में शिव-पार्वती के रूप में किया गया श्रृंगार भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा।
आश्रम परिवार के पूनमचंद अग्रवाल, पं. दिनेश शर्मा एवं राजेंद्र महाजन ने बताया कि इस दौरान 11 किलो वजनी पारे से निर्मित शिवलिंग पर गोघृत, पंचामृत, फलों के रस, तिल्ली के तेल, गन्ने के रस आदि से अभिषेक किया गया। भक्तों को एक हजार ग्यारह अभिमंत्रित रूद्राक्ष का वितरण भी प्रसाद के रूप में किया गया। महोत्सव के पहले दिन से ही यहां गौदुग्ध, शहद, केशर एवं पंचामृत की अखंड धारा से भगवान शिव का अभिषेक किया जा रहा है।बुधवार- गुरुवार की रात भगवान शिवाशिव की चारों प्रहर पूजा में 31 विद्वान शामिल हुए। यह पूजा सुबह 6 बजे तक चली। चारों प्रहर पूजा में भगवान का आम, अंगूर, अनार, संतरा, गन्ना, पान एवं अन्य फलों के रस से रूद्राभिषेक भी किया गया। मंदिर पर देर रात तक भक्तों का तांता लगा रहा। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन कराया गया।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *