इंदौर : कानून आमदनी के साथ सेवा और न्याय दिलाने का पेशा भी है । इस क्षेत्र में केवल वहीं लोग उन्नति कर सकते हैं जो कड़े मेहनती और लगनशील हैं । यह बात सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता, इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट के प्रेसिडेंट और ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के चेयरमैन, डॉ. आदिश अग्रवाल ने प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के डिपार्टमेंट ऑफ लॉ में आयोजित दीक्षारंभ समारोह में कही।वे मुख्य अतिथि के रूप में नव प्रवेशित छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे।
अग्रवाल ने कहा कि प्रेस्टीज संस्थान लॉ के क्षेत्र में इंदौर में एक स्थापित नाम है। उम्मीद है यहां से पढ़े छात्र – छात्राएं लॉ की फील्ड को और समृद्ध बनाएंगे।
दीक्षारंभ समारोह के गेस्ट ऑफ़ ऑनर, इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड अनुसंधान, गोवा के वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) आर. वेंकट राव ने कहा कि कानूनी पेशा देश के सबसे पुराने व्यवसायों में से एक है। इसमें छात्रों के लिए अनंत अवसर हैं । उन्होंने कहा कि कानून के छात्रों के लिए संविधान सबसे महत्वपूर्ण अस्त्र है, कानूनी पेशेवरों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण साधन है । वकालत को एक कला बताते हुए, डॉ.राव ने कहा कि इसमें गहन अध्ययन के साथ बुद्धिमता और समझ की भी जरूरत है । इसमें सतत अभ्यास से ही आगे बढ़ा जा सकता है, कोई शॉर्टकट नहीं है। आप रोज अपनी गलतियाँ को नोट करें और उनसे सीखें ।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन ने इस अवसर पर कहा की कानूनी शिक्षा समाज के लिए महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने कहा कि एक वकील का कार्य बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वह उन लोगों की वकालत करता है जो अपनी वकालत नहीं कर सकते ।
समारोह को डिपार्टमेंट ऑफ लॉ के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. आर एच गोराने ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. एस एस भाकर, प्रेस्टीज ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट ब्रजेश गुप्ता सहित लॉ डिपार्टमेंट के फैकल्टीज एवं छात्र उपस्थित थे ।