इंदौर : मां अहिल्या का शहर इंदौर केवल स्वच्छता में ही नम्बर वन नहीं है, बल्कि मानव सेवा का जज्बा भी इस शहर में रचा- बसा है। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान यहां के बाशिंदों ने शहर के गरीबों के साथ यूपी बिहार के पैदल यात्रियों की जिसतरह बढ़-चढ़कर मदद की, उसकी देशभर में चर्चा हुई थी।
मानवता की सेवा के इस जज्बे में एक और तमगा जुड़ गया है। शहर की महिला समाजसेवी, डॉक्टर्स, कारोबारी, खजराना पुलिस और सांसद शंकर लालवानी के समन्वित प्रयासों से अफगानिस्तान के एक परिवार की महिला का यहां दिल का ऑपरेशन किया गया। उक्त परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने से उनके यहां आने, ठहरने, खाने, इलाज और वापसी का सारा इंतजाम सभी ने मिलकर किया। गुरुवार को मानवता के इन पुजारियों का लोक संस्कृति मंच ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया। सांसद शंकर लालवानी और शहर काजी इशरत अली ने उन्हें सम्मानित किया।
काउंसलर अर्चना शर्मा ने निभाई समन्वयक की भूमिका।
निपानिया में रहने वाली समाजसेवी अर्चना शर्मा वैसे तो इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से है। उन्होंने एम टेक किया है, लेकिन लोगों की मदद की दिली इच्छाशक्ति ने उन्हें काउंसलर बना दिया। थॉट टेक्नोलॉजिस्ट के बतौर अपनी पहचान रखने वाली अर्चनाजी प्रत्यक्ष काउंसिलिंग के साथ ऑनलाइन भी लोगों को मोटिवेट करती हैं। IIM, BSF, कॉरपोरेट संस्थानों के साथ वे विभिन्न संस्थानों के कार्यक्रमों में जाकर लोगों में जिंदगी के प्रति नई उम्मीद जगाती हैं।
अर्चना जी ने बताया कि ऑनलाइन मोटिवेशनल सेशन के दौरान ही अफगानिस्तान निवासी अब्दुल हबीब जुलाई 2019 में उनके संपर्क में आए। डिप्रेशन के शिकार अब्दुल की उन्होंने काउंसिलिंग शुरू की। उसी समय उनके पिता अब्दुल रजाक और मां सोहैला रजाक से भी उनकी बात हुई। करीब ढाई माह पूर्व अब्दुल हबीब ने अपनी मां की बीमारी के बारे में उन्हें बताया। उसने बताया कि मां सोहैला के दिल के वाल्व खराब हो गए हैं और ऑपरेशन कराना जरूरी है। अफगानिस्तान में इतना बड़ा व जटिल ऑपरेशन संभव नहीं है। बाहर जाकर इलाज कराने की उनकी हैसियत नहीं है।
अर्चना शर्मा के मुताबिक उन्होंने अब्दुल हबीब और उसके माता- पिता को भरोसा दिलाया कि वह भारत में इंदौर शहर में उनका इलाज कराएंगी।
सांसद लालवानी और डॉक्टरों से मिली हरी झंडी।
काउंसलर अर्चना जी के मुताबिक उन्होंने अफगानिस्तान के काबुल निवासी अब्दुल हबीब की मां के इलाज की जिम्मेदारी तो ले ली पर बड़ा सवाल यही था कि ये होगा कैसे..? इसपर सबसे पहले अपने परिचित एमवायएच के कार्डियोलोजिस्ट डॉ. एड़ी भटनागर से संपर्क साधा। डॉ. भटनागर ने मरीज की केस हिस्ट्री देखने सुनने के बाद तुरन्त मदद के लिए हामी भर दी। उन्होंने कुछ अस्पताल संचालक डॉक्टरों के नाम भी सुझाए।
अर्चनाजी के अनुसार उन्होंने डॉ. भटनागर द्वारा सुझाए डीएनएस अस्पताल के संचालक डॉ. राजेश जैन और डॉ. मनीष संघवी से बात की।हार्ट के ऑपरेशन की नवीनतम तकनीक और विशेषज्ञ डॉक्टर विनीत पांडे उनके अस्पताल में थे। उन्होंने भी ऑपरेशन के लिए तत्काल रजामंदी दे दी। काबुल से रजाक परिवार के ठहरने खाने- पीने का इंतजाम सांसद शंकर लालवानी ने कर दिया।
काउंसलर अर्चना जी ने बताया कि कारोबारी अनिल पाहुजा व इरफान अली ने ऑपरेशन, अस्पताल और मेडिसिन में लगने वाले खर्च की व्यवस्था की। खुद अर्चनाजी ने अब्दुल हबीब, उसके पिता अब्दुल रजाक व मां सोहैला के आने- जाने और शुरुआती दौर में उन्हें होटल में ठहराने की व्यवस्था की। विदेशी होने की वजह से आई कानूनी बाधाओं को दूर करने में खजराना टीआई दिनेश वर्मा और एएसआई कासिम रिजवी ने मदद की।
सफलतापूर्वक संपन्न हुआ ऑपरेशन।
तमाम इंतजाम पूरे होने के बाद काबुल निवासी अब्दुल हबीब की मां सोहैला का दिल का ऑपरेशन डीएनएस अस्पताल में डॉ. विनीत पांडे और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक किया। सोहैला के दिल का एक वाल्व बदला गया और दूसरा रिपेयर किया गया। सफल ऑपरेशन और समुचित केयर के बाद अब सोहैला पूरी तरह ठीक हैं। एक माह से अधिक समय तक यहां रहने के बाद अब रजाक परिवार काबुल लौटने की तैयारी में है।
बेटे अब्दुल हबीब का भी कराया इलाज।
काउंसलर अर्चनाजी के मुताबिक डिप्रेशन के शिकार अब्दुल हबीब का भी उन्होंने इलाज कराया। साइकेट्रिस्ट डॉ. स्मिता अग्रवाल ने अब्दुल को मुफ्त ट्रीटमेंट दी।इसी के साथ चोइथराम अस्पताल के डॉ. अश्विनी वर्मा और आई स्पेशलिस्ट डॉ. राजीव चौधरी ने भी सोहैला और उनके बेटे के आंखों के इलाज में मदद की।इसके अलावा आयुर्वेदिक डॉक्टर पूर्णा दीक्षित ने रजाक परिवार को विस्तृत परामर्श और दवाइयां भेंट की, ताकि उनका मनोबल ऊंचा रहे।
मानव सेवा का ये उदाहरण इंदौर ही पेश कर सकता है।
गुरुवार को सांसद शंकर लालवानी के ओल्ड पलासिया स्थित दफ्तर में आयोजित समारोह में मानव सेवा की मिसाल पेश करने वाले उपरोक्त सभी लोगों का लोक संस्कृति मंच ने प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मान किया। समारोह में रजाक परिवार के तीनों सदस्य भी मौजूद थे। इंदौर में मिले प्यार, अपनेपन और नवजीवन की सौगात के प्रति उन्होंने कृतज्ञता व्यक्त की। इस मौके पर सांसद लालवानी ने कहा कि मां अहिल्या की नगरी में मानव सेवा के संस्कार हमेशा से रहे हैं। अफगानिस्तान से आए रजाक परिवार के इलाज में जिसतरह लोगों ने बढ़ चढ़कर मदद की, वह बेमिसाल है।
शहर काजी इशरत अली ने कहा कि इंदौर शहर केवल सफाई में ही नम्बर वन नहीं है। वह मानवता की सेवा में भी अव्वल है।विदेशी रजाक परिवार का इलाज करवाकर इंदौर के नागरिकों ने पुनः इस बात को साबित किया है।
काउंसलर अर्चना शर्मा ने बताया कि सोहैला रजाक के पोस्ट ऑपरेशन का ख्याल रखते हुए उन्हें दो माह की दवाइयां भी साथ में दी गई हैं। इसी के साथ तमाम डॉक्टर्स आगे भी उन्हें ऑनलाइन परामर्श देते रहेंगे।