संस्कृत महाविद्यालय में आपदा प्रबंधन पर आयोजित की गई थी कार्यशाला।
इंदौर : शासकीय संस्कृत महाविद्यालय, इंदौर में आजादी के अमृत महोत्सव मेरी माटी, मेरा देश के तहत आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय की रासेयो इकाई द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ.अरुणा कुसुमाकर ने की।
कार्यशाला में आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ हेमंत कमल चौरसिया ने विभिन्न प्रकार की आपदाओं के दौरान और बाद में उपजी समस्याओं से निपटने का प्रशिक्षण दिया। मुख्य रूप से नदी में डूबते हुए व्यक्ति को बचाने तथा उसे सुरक्षित बाहर निकालने, जो तैरना जानते हैं उन्हें क्या सावधानी रखना है, जो तैरना नहीं जानते हैं उन्हें बचाव
हेतु डेमो के जरिए क्या करना है, इसकी जानकारी दी गई। इसी प्रकार बाढ़ से बचाव व बाढ़ के बाद की विपत्तियों में समाधान, विषैले सांप के काटने पर घायल व्यक्ति का उपचार, करंट लगने पर किस प्रकार से करंट लगे व्यक्ति को बचाएं और प्राथमिक उपचार दिया जाए, अग्निशामक का प्रयोग, आग से जलने, एसिड अटैक, कांच से घायल, दुर्घटना में घायल व्यक्ति को बचाने व प्राथमिक उपचार देने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। भूकंप के दौरान व भूकंप खत्म होने के बाद पीड़ितों को कैसे मदद पहुंचाएं करें इसका भी प्रशिक्षण दिया गया। आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ चौरसिया ने डेमो देकर अत्यन्त सरल रूप से विद्यार्थियों को आपदा से निपटने के गुर सिखाए।
कार्यक्रम की विशेष अतिथि प्रशासनिक अधिकारी डॉ. विमला गोयल, सहा.प्राध्यापक वंदना नाफड़े, तथा डॉ. मीनाक्षी नागराज थीं। कार्यशाला संयोजक रासेयो प्रभारी गोपालदास बैरागी ने अतिथि परिचय दिया। संचालन सह संयोजक डॉ. अभिषेक पाण्डेय ने किया। आभार डॉ. उषा गोलने ने माना।