आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की बैठक में रोजगार सृजन के भारतीय मॉडल को अपनाने पर जोर

  
Last Updated:  March 15, 2022 " 07:06 pm"

इंदौर : आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक गुजरात के कर्णावती में सम्पन्न हुई। 11 से 13 मार्च तक आयोजित इस बैठक में किए गए विचार मंथन और पारित प्रस्तावों की जानकारी मालवा प्रांत के संघचालक डॉ. प्रकाश शास्त्री ने इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता के जरिए दी। मालवा प्रान्त के सहकार्यवाह विनीत नवाथे भी इस दौरान मौजूद रहे। डॉ. शास्त्री ने बताया कि बैठक में संघ की गतिविधियों की जानकारी देने के साथ रोजगार सृजन के भारतीय मॉडल को अपनाने की बात कही गई।

संघ के बीते एक वर्ष के कार्यों का पेश किया गया लेखा- जोखा।

संघचालक डॉ. प्रकाश शास्त्री ने बताया कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा, आरएसएस की सर्वोच्च सभा है। इसकी बैठक प्रतिवर्ष होती है, जिसमें संघ के विभाग, प्रान्त व क्षेत्र स्तर के प्रतिनिधि, अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य और अनुषंगी संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ता शामिल होते हैं। डॉ. शास्त्री ने बताया कि गुजरात के कर्णावती में हुई बैठक में सरसंघ चालक और और सरकार्यवाह के वर्ष 2021- 22 में किए प्रवास की जानकारी दी गई। बताया गया कि सरसंघचालक ने 21 प्रांतों का दौरा किया और संगठन श्रेणी, जागरण श्रेणी, प्रांत टोली और प्रचारकों के साथ बैठकें की। इसी के साथ 15 प्रांतों में प्रबुद्धजन गोष्ठी के आयोजन भी हुए। इसीतरह सरकार्यवाह ने 2021- 22 में 19 प्रांतों का दौरा किया और संगठनात्मक बैठकें ली।

डॉ. शास्त्री के मुताबिक 2021-22 में संघ का कार्य 34,569 स्थानों से बढ़कर 38,390 स्थानों तक पहुंच गया।इसीतरह संघ की शाखाएं 55,652 से बढ़कर 60,929 तक पहुंच गई हैं।साप्ताहिक मिलन और संघ मंडली की संख्या में भी खासी बढ़ोतरी हुई है। बैठक में संघ के विभिन्न कार्यविभागों और गतिविधियों की जानकारी भी पेश की गई।

मॉलवा प्रान्त की गतिविधियों का ब्यौरा पेश किया गया।

डॉ. शास्त्री ने बताया कि प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ के मालवा प्रान्त की गतिविधियों की जानकारी भी दी गई। बताया गया कि मालवा प्रान्त में बीते एक वर्ष में 28 जिलों में 284 कार्यविभाग गतिविधि सम्मेलन सम्पन्न हुए। इनमें 10 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं की भागीदारी रही। इंदौर विभाग में दिसंबर 2021 में 6 स्थानों पर जिलाश: शाखा संगम आयोजित हुए जिनमें तरुण, बाल और शिशु स्वयंसेवक शामिल हुए। उन्होंने बताया कि ऐसे प्रयासों से संयुक्त विद्यार्थी शाखाओं की संख्या 53 से बढ़कर अब 196 हो गई है। डॉ. शास्त्री ने बताया कि मालवा प्रान्त में अब 3131 शाखाएं हो गई हैं।इनमें 772 बाल और महाविद्यालयीन शाखाएं है। इसीतरह शाखा स्थान भी बढ़कर 2013 हो गए हैं।

स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर जाना है।

डॉ. शास्त्री ने बताया कि यह आजादी का 75 वा वर्ष भी है। इस बात के मद्देनजर संघ का लक्ष्य स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर जाना है। उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्रता से अर्थ स्व. आधरित जीवन पद्धति को अंगीकार करने से है। देश की आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले विस्मृत नायकों का भी इस अवसर पर स्मरण किया जाएगा। स्वराज्य के अमृत महोत्सव के तहत हाल ही में गणतंत्र दिवस के मौके पर गांवों और नगरों की बस्तियों में भारत माता पूजन के कार्यक्रम वृहद स्तर पर किए गए थे।इसी के साथ व्याख्यानों का सिलसिला भी चल रहा है।

स्वावलम्बी भारत के लिए कार्यों के अवसर बढाना आवश्यक।

डॉ. प्रकाश शास्त्री ने बताया कि प्रतिनिधि सभा की बैठक में भारत को स्वावलम्बी बनाने के लिए कार्यों के अवसर बढाने सम्बन्धी प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसके तहत मानव केंद्रित, पर्यावरण के अनुकूल, श्रम प्रधान, विकेन्द्रित और लाभांश के न्यायसंगत वितरण के आर्थिक मॉडल पर जोर दिया गया। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने, लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने और कृषि आधारित उद्योगों के संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों को आवश्यक बताते हुए प्रस्ताव में कहा गया कि इससे रोजगार के मौके बढ़ेंगे। इसमें समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया। डॉ. शास्त्री के अनुसार आरएसएस का मानना है कि आत्मनिर्भर और स्वावलम्बी भारत के निर्माण के लिए रोजगार सृजन के भारतीय मॉडल पर काम करने की जरूरत है।

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