इंदौर : नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद का इंदौर में कोई असर नहीं दिखा। शहर के थोक व खेरची बाजार आम दिनों की तरह खुले रहे। व्यापारी अपने कारोबार में व्यस्त नजर आए। मंडियों में भी सामान्य कामकाज हुआ, हालांकि कम संख्या में अपनी उपज लेकर पहुंचे। ऐहतियात के बतौर अनाज व सब्जी मंडी सहित शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात रखा गया था।
छावनी और चोइथराम मंडी में हुआ सामान्य कामकाज।
छावनी अनाज मंडी में किसान कम संख्या में उपज लेकर पहुंचे, जो भी किसान आए उनकी उपज की खरीदी की गई। व्यापारियों के सौदे भी होते रहे। उधर चोइथराम मंडी में फल और सब्जियों की आवक पर बन्द का कोई असर नहीं पड़ा। रोज की तरह किसान फल और सब्जियां लेकर पहुंचे। उनकी सुरक्षा के लिए बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात रखा गया था।
नहीं निकाल पाए रैली, गिनती के किसानों ने किया प्रदर्शन।
किसान संगठनों ने तेजाजी नगर से राऊ, राजेंद्रनगर, महूनाका से राजवाड़ा होते हुए गांधी प्रतिमा रीगल तिराहा तक रैली निकालने का ऐलान किया था लेकिन जिला प्रशासन ने पहले ही धारा 144 लगाकर धरना, जुलूस, रैली आदि पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रशासन की सख्ती के चलते किसान संगठन रैली नहीं निकाल पाए। रीगल तिराहा पर गिनती के किसान पहुंचे और नारेबाजी करते हुए नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
कृषि कानूनों के विरोध में बुलाया था बन्द।
किसान संगठन केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताकर उनका विरोध कर रहे हैं। दिल्ली की सीमा पर कई दिनों से किसान डेरा डाले हुए हैं। केंद्र सरकार के साथ पांच दौर की बातचीत के बावजूद नतीजा सिफर रहा है।इसी के चलते किसान संगठनों ने मंगलवार 8 दिसम्बर को भारत बंद का ऐलान किया था। किसान संगठन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार किसानों की मांगों के अनुरूप कानूनों में बदलाव करने की बात कह रही है। इसी को लेकर पेंच फंसा हुआ है।