नई दिल्ली : पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की बढ़ती कीमतों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “यह अफसोसनाक मुद्दा है और कीमतें में कमीं के अलावा कोई भी जवाब लोगों को संतुष्ट नहीं कर सकता। केंद्र और राज्य दोनों को उपभोक्ताओं के लिए उचित स्तर पर खुदरा ईंधन मूल्य में कमीं लाने के लिए बात करनी चाहिए।”
चेन्नई में वित्त मंत्री ने कहा कि OPEC देशों ने उत्पादन का जो अनुमान लगाया था, वह भी नीचे आने की संभावना है जो फिर से चिंता बढ़ा रहा है। तेल के दाम पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। इसे तकनीकि तौर पर मुक्त कर दिया गया है। तेल कंपनियां कच्चा तेल आयात करती हैं , रिफाइंड करती हैं और बेचती हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में शनिवार को भी कोई राहत नहीं मिली है। लगातार 12वें दिन तेल के दाम में बढ़ोतरी हुई है। शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल 39 पैसे प्रति लीटर चढ़ कर 90.58 रुपये पर चला गया। डीजल भी 37 पैसे का छलांग लगा कर 80.97 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल 101.22 रुपए हो गया। तो वहीं मध्य प्रदेश के भोपाल में पेट्रोल शतक से केवल 40 पैसे दूर है। हालांकि अनूपपुर जिले में सामान्य पेट्रोल 100.98 रुपये लीटर बिक रहा है।इंदौर में पेट्रोल के दाम शतक लगाने के करीब पहुंच गए हैं।
बता दें की पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और वैट जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है। अगर केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों का वैट हटा दें तो डीजल और पेट्रोल का रेट आधे से भी कम हो सकता है लेकिन चाहे केंद्र हो या राज्य सरकार, दोनों किसी भी कीमत पर टैक्स नहीं हटा सकती। क्योंकि राजस्व का एक बड़ा हिस्सा यहीं से आता है।