तीन दिवसीय इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल का हुआ समापन।
इंदौर : डेली कॉलेज परिसर में आयोजित इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल का समापन रविवार को हुआ। तीन दिवसीय इस फेस्टिवल में देशभर से आए लेखक, साहित्यकार, कवि और विशेषज्ञ वक्ताओं ने शिरकत कर अपने विचार व अनुभव साझा किए। इनमें नीलिमा डालमिया, नर्मदा उपाध्याय, डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र, नीलोत्पल मृणाल, चंदन राय, इशिना बी सदाना, डॉ. अफसाना बदर, विवान आसुदानी, डॉ. थॉमस मैथ्यू, मनोज मुंतशिर शुक्ला आदि प्रमुख थे।
तीसरे और अंतिम दिन हुए विभिन्न चर्चा सत्रों में आचार्य डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी, कवयित्री प्रिया मलिक, बाबुल कोहली, संजीव पालीवाल, मनोज राजन त्रिपाठी, माउंट एवरेस्ट विजेता मेघा परमार और अन्य प्रबुद्धजनों ने अलग – अलग विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।
जीवन प्रबंधन विशेषज्ञ नवीन कृष्ण राय ने अपनी लिखी पुस्तक ‘जीवन प्रबंधन का मंत्र’ पर चर्चा करते हुए कहा कि जीवन में कोई भी निर्णय लेने से पहले खुद से ये सवाल जरूर करें की इसे मैं क्यों करना चाहता हूं।यदि ऐसा कर सकें तो बाद में पछताना नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जैसा ईश्वर ने भेजा है, उसी परिस्थिति में आपको लड़ना और जीतना है, ये जज्बा अगर पैदा हो जाए तो सफलता निश्चित मिलती है।
तीसरे और अंतिम दिन कविताओं और गीतों से सजे नवरस का आयोजन भी किया गया। इस दौरान कई कवयित्रियों ने अपनी कविताएं और गीत पेश कर श्रोताओं की तालियां बटोरी। इंदौर की कवयित्री कीर्ति सिंह गौर की ‘आजाद मुहब्बत’ कविता को खासी सराहना मिली। तीनों दिन लोक कलाकार माजिद खान व उनकी मंडली द्वारा पेश लोक गीतों ने भी खासा रंग जमाया।