इंदौर : शहर में तमाम गतिविधियां प्रारम्भ हो गई हैं, हाई स्कूल खुल गए हैं पर कोचिंग क्लासेस खोलने की अनुमति अभी तक नहीं दी गई है। इंदौर कोचिंग ऑनर्स एसोसिएशन ने कोचिंग क्लासेस एवं प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट खोलने की मांग जिला प्रशासन से की है।
शुक्रवार को प्रेस वार्ता के जरिए उन्होंने ये मांग रखी।
कोचिंग ऑनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश में लगभग 35000 कोचिंग संस्थान बीते 7 माह से बंद पड़े हैं। इनसे जुड़े 5 लाख परिवार बेरोजगारी की भेंट चढ़ चुके हैं । शासन ने अनलॉक 1.0 से लेकर 5.0 तक लागू कर दिया है, जिससे सभी छोटी – बड़ी सेवाओं और व्यापार को गाइडलाइन के साथ खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। सामाजिक दृष्टि से आवश्यक नहीं होने के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिकता से शराब की दुकानें वहां अहाते भी खोल दिए गए।
अब जब स्कूल – कॉलेज गाइडलाइन के साथ खोलने की अनुमति दे दी गई है तो क्या कोचिंग संस्थान एजुकेशन का पाठ नहीं हैं। सरकार द्वारा शिक्षा में दोहरे मापदंड दिखाए जा रहे हैं जो विचारों से परे हैं।
हर जगह इंटरनेट उपलब्ध नहीं।
कोचिंग ऑनर्स एसो. के पदाधिकारियों के अनुसार हम कोचिंग संस्थानों के साथ उन विद्यार्थियों की भी आवाज उठाना चाहते हैं जो ऑनलाइन क्लासेस से वंचित हैं। प्रदेश के कई क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा उतनी प्रभावी नहीं है कि विद्यार्थी ऑनलाइन एजुकेशन का लाभ ले सके 12वीं बोर्ड की परीक्षा में भी 5 माह का ही समय शेष है। सर्वे के माध्यम से यह भी सामने आया है कि लगभग 60 से 70% विद्यार्थी ऑनलाइन एजुकेशन से संतुष्ट नहीं है तथा वे अपने पुराने शिक्षकों एवं संस्थानों से ही अध्ययन करना चाहते हैं।
5 लाख लोगों पर रोजी रोटी का संकट।
पदाधिकारियों के मुताबिक शासन व प्रशासन को यह मालूम होना चाहिए कि इंदौर शहर में 5000 व प्रदेश में 35000 से अधिक कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं। इनसे जुड़े 5 लाख परिवार जनों का जीवन यापन अधर में है। कोचिंग संस्थाओं के संचालन से शहर में पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों के माध्यम के जरिए छोटे, मध्यम व बड़े जैसे स्टेशनरी, बुक स्टोर, नाश्ता पॉइंट भोजनालय, टिफिन सेंटर, हॉस्टल छात्रावास इत्यादि व्यवसायों पर भी ग्रहण लग गया है। इसके बावजूद 7 माह के बाद भी कोचिंग संस्थानों को खोलने की कोई गाइडलाइन या अनुमति नहीं दी जा रही है। पूरे समाज के लोगों को पता है कि कोचिंग एकमात्र ऐसा ऐच्छिक संस्थान है जहां विद्यार्थी अपने सपनों को पूरा करने के लिए आते हैं
कोचिंग संस्थानों की मध्यप्रदेश शासन व प्रशासन से मांग है कि
- कोचिंग संस्थानों के संचालन की तत्काल अनुमति प्रदान की जाए।
- कोचिंग संस्थानों में 5000 से 10000 रुपए मासिक वेतन भोगियों के परिवारों को आर्थिक मदद प्रदान की जाए।
3.कोचिंग संस्थानों को आगामी 2 वर्षों के लिए करो से मुक्त रखा जाए।
4.कोचिंग संस्थानों को सबसे ज्यादा मार भवन के किरायों की पढती है जिससे आज लगभग 50% कोचिंग संस्थान बंद हो चुके हैं इनके पुनः संचालन हेतु सरकार कम दरों पर अनुपयोगी शासकीय भवन देने की मदद करें।
- सरकार विभिन्न विभागों में लंबे समय से लंबित भर्तियों की विज्ञप्ति निकालें।
आज देश व समाज को जागरूक करने वाला शिक्षक मानसिक और आर्थिक तौर पर दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा है इस और सरकार का ध्यान आकर्षित करना जरूरी है।प्रेस वार्ता के जरिए हम मध्यप्रदेश शासन को यह बताना चाहते हैं कि यदि जल्दी ही प्राइवेट शिक्षा एवं कोचिंग संस्थानों के प्रति उचित विचार नहीं किया तो हम सभी कोचिंग संस्थानों को प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा क्योंकि हम सभी अपने आप को समाज का सबसे लाचार व ठगा हुआ महसूस कर रहे है।