इंदौर : रविवार 5 अप्रैल की रात देश और प्रदेश के साथ इंदौर में भी दिवाली सा मंजर नजर आया। घरों की बत्तियां बंद रखी गई पर बालकनी, खिड़कियां और दहलीज पर नन्हें दिये जगमगा रहे थे। दिये की रोशनी को मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च का साथ भी मिल रहा था। जगमगाती रोशनी के साथ वैदिक मंत्रोच्चार, शंखध्वनि, भारत माता की जय और वन्देमातरम की गूंज रह- रहकर सुनाई दे रही थी।
दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से आव्हान किया था कि वे कोरोना के खिलाफ जंग में एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए रविवार 5 अप्रैल की रात ठीक 9 बजे अपने घरों की बत्तियां 9 मिनट के लिए बन्द करके दिये, मोमबत्ती, टॉर्च अथवा मोबाइल की लाइट जलाएं। उनके इस आव्हान को इंदौर के बाशिंदों ने भी जबर्दस्त प्रतिसाद दिया।
कोरोना के अंधकार के खिलाफ रोशन उम्मीद के लाखों दिये।
कोरोना के स्याह अंधेरे को चुनौती देते हुए इंदौर के लाखों लोगों ने अपने घरों को उम्मीद, हौंसले, इच्छाशक्ति और संकल्प के दियों से रोशन किया। आम हो या खास, गरीब हो या अमीर, बस्ती हो या पॉश कॉलोनी, हर जगह कोरोना को हराने का जज्बा हिलौरे लेते नजर आया। सभी ने अपने घरों को दियों से रोशन करते हुए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपनी एकजुटता का परिचय दिया। कुछ स्थानों पर आतिशबाजी का नजारा भी देखा गया।
कैलाशजी ने जलाए दीप, किया मंत्रोच्चार।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने नंदानगर स्थित निवास पर कोरोना के अंधकार को चुनौती देते हुए उम्मीद और हौंसले के दिये जलाए। उन्होंने महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप किया। उनके अलावा अन्य जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और सामाजिक संगठनों ने भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपनी भागीदारी उम्मीद के दिये जलाकर सुनिश्चित की।
सांसद लालवानी ने भी जलाए दीप।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रविवार रात 9:00 बजे 9 मिनट तक दीप प्रज्वलन कर सांसद शंकर लालवानी ने भी कोरोना के अंधकार को चुनौती पेश की।
पुलिसकर्मियों ने भी जताई भागीदारी।
22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान ताली- थाली बजाते समय सैकड़ों लोग सड़कों पर निकल आए थे।उस घटना से सबक लेते हुए रविवार रात आशा के दीप जलाए जाने के दौरान पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रही। चौराहों पर चेकिंग के साथ लगातार गश्त करते हुए उसने लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया। हालांकि ड्यूटी निभाते हुए भी पुलिसकर्मियों ने मोबाइल की टॉर्च जलाकर कोरोना के खिलाफ जंग में अपना योगदान दिया।
दो हफ्तों से लॉकडाउन के चलते घरों में कैद लोगों का मनोबल बढ़ाने और उन्हें कोरोना के खिलाफ नए जज्बे के साथ खड़ा करने के लिए पीएम मोदी की अपील का इंदौर में जादुई असर रहा।