इंदौर : देशभर में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका लोगों के दिलों में डर बनाए हुए हैं।इधर मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से बारिश ने कहर बरपाया, अब राज्य के कई जिलों से डेंगू के मरीज मिलने की जानकारी भी सामने आने लगी है। इंदौर में डेंगू की स्थिति कंट्रोल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टीम बनाकर घर-घर जाना शुरू कर दिया है। वहीं नीमच और रतलाम जिले में भी मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया।
इंदौर में सामने आए एक दर्जन मरीज।
इंदौर में पिछले दो दिनों में ही डेंगू के एक दर्जन मरीजों की पुष्टि हुई है। शहर में लगातार नए मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमें शहर के अलग-अलग इलाकों में टेस्टिंग कर डेंगू का लार्वा नष्ट करने का काम कर रही है। लोगों को जागरूक करने के साथ ही जिन घरों में मरीज मिले, उनके आसपास के घरों में भी लार्वा की पड़ताल जारी है।
नीमच में मिले 24 मरीज।
नीमच जिल में अब तक डेंगू के 24 मरीज सामने आ चुके हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ एस एस बघेल ने बताया कि स्टाफ की कमी के बावजूद वह डेंगू को रोकने के पूरे प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि अपने आसपास कहीं भी पानी एकत्रित नहीं होने दें. उसमें मच्छर पनप सकते हैं। उनसे उत्पन्न होने वाले लार्वा से बीमारी भी बढ़ सकती है।
रतलाम के गांवों तक पहुंचा डेंगू।
शहरों तक पहुंचने के बाद रतलाम जिले के गांवों में भी डेंगू के मरीज देखने को मिले। स्वास्थ्य विभाग मरीजों का इलाज करने के साथ ही गांव-गांव जाकर सैंपल कलेक्शन का काम भी कर रहा है। जिले के पलदुना गांव में सबसे पहले डेंगू के मरीज मिलने से हड़कंप मचा, स्वास्थ्य विभाग ने इसी गांव में पहुंचकर कैंप लगाया और यहां से सैंपल कलेक्ट कर लोगों में जागरूकता फैलाई। जिल में अब तक 200 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि दवा छिड़काव के साथ ही सैंपल कलेक्शन का काम किया जा रहा है। CMHO ने बताया यह सीजनल बीमारी है, बारिश के दौरान पनपने वाले मच्छरों से पैदा होती है। मरीजों की पहचान कर टेस्ट करवाए जा रहे हैं। हालांकि अच्छी बात यह रही कि अब तक किसी के भी मरने की पुष्टि नहीं हुई। उनकी टीम इसी कोशिश में लगी है कि डेंगू को जड़ से समाप्त कर दिया जाए।