कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की पूरी फीस माफ करने पर स्कूल संचालकों ने दी सहमति

  
Last Updated:  July 1, 2021 " 12:47 am"

इंदौर : जिले में जिन बच्चों के अभिभावकों की कोरोना से मौत हो चुकी है, उनकी स्कूलों से फीस माफ कराने की अभिनव योजना ‘सांसद सेवा संकल्प’ शुरू की गई है। यह योजना जिला प्रशासन के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना के तहत ऐसे बच्चे जिनके अभिभावकों की कोरोना से मौत हुई है, उनकी स्कूली फीस शत-प्रतिशत माफ कराई जाएगी।

निजी स्कूल संचालकों से चर्चा।

इस संबंध में बुधवार को सांसद शंकर लालवानी और कलेक्टर मनीष सिंह ने प्रीतमलाल दुआ सभागृह में प्राइवेट स्कूलों के संचालकों से चर्चा की। बैठक में अधिकांश स्कूलों ने कोरोना से मृत अभिभावकों के बच्चों की शत-प्रतिशत फीस माफ करने की सहमति प्रदान की।

बैठक में संयुक्त कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी रवि सिंह, सहायता संस्था के अनिल भण्डारी, मुस्कान ग्रुप के संदीपन आर्य, सीबीएसई स्कूलों के सहोदय ग्रुप के अध्यक्ष यू.के. झा सहित विभिन्न स्कूलों के संचालक मौजूद थे। बैठक में सांसद लालवानी ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना कोरोना से अपने अभिभावकों को खोने वाले बच्चों की स्कूली शिक्षा को निरंतर बनाए रखने और बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि हम सब का दायित्व है कि ऐसे वक्त में जब बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है, हम उनके अभिभावक बनकर मदद करें। उन्होंने सीबीएसई सहित सभी पाठ्यक्रमों के स्कूल संचालकों से आग्रह किया कि वे अपने यहां ऐसे सभी बच्चों की शत-प्रतिशत फीस माफ करें। उन्होंने बताया कि सभी स्कूलों को पत्र लिखकर इस संबंध में आग्रह किया गया है। वेबसाइट बनाकर ऐसे बच्चों की सूची आवेदन मंगाकर तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर और भी बच्चे संज्ञान में आते है, तो स्कूल अपने स्तर से भी मदद करें। सांसद लालवानी ने बताया कि इसी तरह सभी कॉलेजों और कोचिंग क्लासेस के संचालकों से भी आग्रह कर उनके यहां अध्ययनरत ऐसे बच्चे, जिनके अभिभावकों की कोरोना से मृत्यु हुई है, फीस माफ कराने का प्रयास किया जाएगा।

बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इंदौर की गौरवमयी परम्परा रही है कि संकट के वक्त सभी मिलजुल कर जरूरतमंदों की मदद करते है। इसी परम्परा को जरूरतमंद बच्चों की फीस माफ कर आगे बढ़ाया जाए उन्होंने कहा कि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हो और अधिक से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिले यह सुनिश्चित किया जाए। मनीष सिंह ने कहा कि बच्चों का मनोबल बनाए रखें। उन्हें अपने-अपने स्तर से अन्य आवश्यक मदद भी मुहैया कराई जाए। बैठक में सहायता संस्था के अनिल भण्डारी ने प्रारंभ में योजना की रूपरेखा बताई। कार्यक्रम का संचालन सुनयना शर्मा ने किया। बैठक में मिशनरी, विभिन्न ट्रस्ट और संस्थाओं आदि द्वारा संचालित सीबीएसई के स्कूलों, अन्य पाठ्यक्रमों के स्कूलों के संचालकों ने अपनी पूर्ण सहमति दी कि वे ऐसे बच्चों की हर संभव मदद करेंगे।

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