नई दिल्ली : रूहानी मिशन के संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को कोलंबिया के ‘सर्वोच्च सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। ध्यान-अभ्यास के माध्यम से विश्व में आंतरिक और बाहरी शांति के प्रयासों के फलस्वरूप दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप स्थित कोलंबिया सरकार के क्वीन्दो विभाग के गवर्नर कार्लोस एदूआर्दो ने यह अवार्ड संतश्री राजिंदर सिंहजी को प्रदान किया।
समारोह में दुनिया भर से आए गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए संतश्री राजिन्दर सिंह महाराज ने कहा कि नये साल के मौके पर हम शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और बौद्धिक स्तर पर तरक्की करने का संकल्प लेते हैं लेकिन हमें अपने सबसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्र आध्यात्मिक प्रगति को भी नहीं भूलना चाहिए। परम संत कृपाल सिंह जी महाराज अक्सर कहा करते थे कि, ”हमारी आध्यात्मिक तरक्की पर ही हमारी शारीरिक और मानसिक तरक्की निर्भर है।“ अगर हम आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ होंगे तो हम अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में बेहतर कार्य कर सकते हैं और इसके साथ-साथ हम अपने अंदर असीम शांति का भी अनुभव करते हैं। जिसके फलस्वरूप न सिर्फ हम अंदर व बाहर से शांत होते हैं बल्कि इसका असर हमारे परिवार, समाज, राज्य व देश से होता हुआ पूरे विश्व पर पड़ता हैं। उन्होंने ध्यान-अभ्यास की महत्ता के बारे में अनेक अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं का हवाला देते हुए कहा कि आज के युग में लाखों लोग आंतरिक और बाहरी शांति के लिए ध्यान-अभ्यास की तकनीक को अपना रहे हैं, जिससे कि उनके जीवन में आश्चर्यकारक बदलाव आया है।
अनेक सम्मानों से नवाजे गए हैं संतश्री ।
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आध्यात्मिक गुरु संत राजिन्दर सिंह जी महाराज मानव एकता सम्मेलन के अध्यक्ष हैं। साइंस ऑफ स्पिरिचुएलिटी के प्रमुख हैं व ध्यान-अभ्यास पर दुनियाभर में सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तकों के लेखक भी हैं। जिनमें ‘मेडिटेशन एस मेडिकेशन फोर द सोल’ ‘ध्यान द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति’ ‘आत्म शक्ति’ व
‘दिव्य चिंगारी’ प्रमुख हैं।
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को उनके विष्व शांति के प्रयासों के फलस्वरूप उन्हें विभिन्न देशों द्वारा अनेक शांति पुरस्कारों व सम्मानों के साथ-साथ पाँच डॉक्टरेट की उपाधियों से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा विश्व की कुछ प्रमुख युनिवर्सिटीज जैसे हावर्ड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले में भी वे सम्मानित हो चुके हैं।