कलेक्टर, निगमायुक्त ने ध्वजा पूजन और श्री गणेश को चोला समर्पित कर किया दस दिवसीय महोत्सव का शुशुभारंभ।
दर्शन – पूजन के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।
इंदौर : खजराना गणेश मंदिर पर बुधवार सुबह दस दिवसीय गणेश महोत्सव का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार एवं गणपति बप्पा के जयघोष के बीच मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर मनीषसिंह और मंदिर प्रशासक श्रीमती प्रतिभा पाल ने सपरिवार मंदिर परिसर स्थित 42 देवालयों में ध्वजा पूजन, गणेशजी को स्वर्ण मुकुट तथा मोतियों का चोला समर्पित कर किया। भक्त मंडल की ओर से इस बार भी सवा लाख मोदक का भोग गणेशजी को समर्पित कर दिनभर भक्तों को प्रसाद के रूप में बांटा गया। कलेक्टर मनीषसिंह एवं निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने मोदक प्रसाद वितरण का शुभारंभ किया।
भक्त मंडल के संयोजक अरविंद बागड़ी एवं कैलाश पंच ने बताया कि मंदिर के पुजारी पं. मोहन भटट एवं पं. अशोक भटट द्वारा मंत्रोच्चार के बीच पूजन विधि संपन्न हुई। गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ की मंगल ध्वनि पूरे समय मंदिर परिसर में गूंजती रही। अनेक भक्त तो अलसुबह से ही कतारों में लग गए थे। महांकाल की तर्ज पर दर्शन व्यवस्था होने के कारण एक साथ 200-200 भक्तों ने दर्शन किए और किसी को भी आधे घंटे से अधिक प्रतीक्षा नहीं करना पड़ी। कलेक्टर मनीषसिंह एवं निगमायुक्त प्रतिभा पाल सपरिवार पूजा में शामिल हुए और पूरे विधि-विधान से ध्वजा को मस्तक पर धारण कर सभी देवालयों तक पहुंचे। राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने भी पूजा-अर्चना कर भक्तों को मोदक प्रसाद का वितरण किया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव, ईविप्रा अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा एवं भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने भी मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। लगभग एक घंटे तक चले इस अनुष्ठान में हजारों भक्तों ने मोदक प्रसाद का पुण्य लाभ लिया। भक्त मंडल की ओर से संयोजक अरविंद बागड़ी, कैलाश पंच, चतुर्भुज पाटीदार, विकास पंच, सुभाष नायक, राजीव पांडे सहित करीब 30 कार्यकर्ताओं ने दिनभर मोदक वितरण की व्यवस्था संभाली।
संयोजक अरविंद बागड़ी के अनुसार गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में संपूर्ण मंदिर परिसर को विशेष रूप से रंगबिरंगे फूलों एवं विद्युत बल्बों से सजाया गया था। गर्भगृह में भी विशेष पुष्पसज्जा की गई थी। भक्तों की कतारें देर रात तक लगी रही। पुलिस एवं मंदिर प्रबंधन द्वारा विशेष प्रबंध किए जाने से भक्तों को किसी तरह की असुविधा की शिकायत नहीं रही। महोत्सव में प्रतिदिन शाम को गणेशजी को विभिन्न किस्म के अनाज के लड्डुओं का भोग भी लगाया जाएगा।