इंदौर: खुश रहने का सबसे अच्छा उपाय ये है कि हम खुद को किसी न किसी काम में व्यस्त रखें। मन में विचारों की उथल- पुथल चलती रहती है। जरूरत उसकी सूक्ष्मता को पकड़ने और समझने की है। ये बात युगपुरुष स्वामी परमानंद जी ने कही। वे पंजाब अरोडवंशीय धर्मशाला में चल रहे ध्यान योग शिविर और भक्ति महोत्सव में बोल रहे थे। शिविर का आयोजन अखंड परमधाम सेवा समिति के बैनर तले किया गया है। आयोजकों ने बताया कि रविवार 4 अगस्त को सुबह 7 से 8 योगासन और 8 बजे बाद मालवांचल के गुरुभक्तों द्वारा गुरुपूजन और दिव्य आरती के आयोजन होंगे।
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