इंदौर : गीता का ज्ञान हरतरह के अज्ञान को दूर करता है। श्रद्धा, भक्ति, विश्वास और ज्ञान के समन्वय का ग्रंथ है गीता। संसार समस्या है तो गीता समाधान। गीता के श्रवण, मनन और मंथन से अन्तःकरण पवित्र होता है। ये विचार अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के आचार्य जगद्गुरु स्वामी रामदयाल महाराज ने व्यक्त किये। वे गीता भवन में आयोजित अभा गीता जयंती महोत्सव के शुभारम्भ समारोह में बोल रहे थे।
इसके पूर्व पंडित कल्याण दत्त शास्त्री के वैदिक मंगलाचरण और शंख ध्वनि के बीच दीप प्रज्ज्वलन के साथ गीता जयंती महोत्सव की औपचारिक शुरुआत हुई। दोपहर के सत्र में पंडित विजय शंकर मेहता ने अपने विचार रखे। इसके अलावा देशभर से आए संत- महात्माओं ने भी अपने प्रवचनों से श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया। गीता जयंती महोत्सव के साथ ही सात दिवसीय विष्णु महायज्ञ की भी शुरुआत हुई।
सफाई में चौथी बार नम्बर वन आने का दिलाया संकल्प।
स्वामी रामदयाल महाराज ने महोत्सव के पहले दिन हजारों श्रद्धालुओं को सफाई में इंदौर को लगातार चौथी बार नम्बर वन बनाने का संकल्प भी दिलाया।
भारत भूमि पर दरिंदों के लिए कोई जगह नहीं।
स्वामी रामदयाल महाराज ने हैदराबाद में चारों दरिंदों को एनकाउंटर में मार गिराने का समर्थन करते हुए कहा कि भारत भूमि पर दरिंदों के लिए कोई जगह नहीं है।
गीता भवन ट्रस्ट की ओर से अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, मंत्री राम ऐरन, सत्संग समिति के संयोजक रामविलास राठी, संरक्षक ट्रस्टी बनवारीलाल जाजू, महेशचंद्र शास्त्री और सोमनाथ कोहली ने अतिथि विद्वानों का स्वागत किया। संचालन सन्त देवकीनंदन दास ने किया। महोत्सव में प्रतिदिन सुबह 8 से दोपहर 12 और दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक संत- विद्वानों के अमृत वचनों की वर्षा होगी।