इंदौर: नाथूराम गोडसे को लेकर एक बार फिर विवाद छिड़ गया है। साध्वी प्रज्ञा के बाद अब विधायक उषा ठाकुर के बयान से ये विवाद गरमाया है। बुधवार को अहिल्या जयंती के उपलक्ष्य में उन्होंने पत्रकार वार्ता रखी थी । उस दौरान पत्रकारों ने साध्वी प्रज्ञा के गोडसे संबंधी बयान को लेकर सवाल किया तो विधायक उषा ठाकुर का कहना था की वो उनका निजी बयान था। पार्टी इस बारे में अपना रुख साफ कर चुकी है।
गोडसे ने जीवनभर देश की चिंता की।
जब उषा ठाकुर से गोडसे को लेकर उनकी अपनी प्रतिक्रिया चाही गई तो उनका कहना था कि नाथूराम गोडसे राष्ट्रवादी था। जीवनभर उन्होंने देश की चिंता की। उससमय क्या हालात रहे होंगे जो उन्होंने गाँधीजी की हत्या का फैसला लिया..इस बारे में वही जानते होंगे। उसपर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।
बीजेपी का यही असली चेहरा है।
उषा ठाकुर का बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कांग्रेस हरकत में आ गई। प्रदेश कांग्रेस सचिव राजेश चौकसे ने तल्ख लहजे में उषा ठाकुर के बयान की निंदा की। उनका कहना था कि बापू के हत्यारे गोडसे को विधायक उषा ठाकुर का राष्ट्रवादी बताना बीजेपी के असली चरित्र को उजागर करता है। उषा दीदी का यह बयान उनके मानसिक दिवालिएपन को दर्शाता है।
साध्वी प्रज्ञा के बयान पर मचा था बवाल।
लोकसभा चुनाव के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने कमल हासन के गोडसे को पहला हिन्दू आतंकवादी बताने वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। उनके इस बयान की चौतरफा आलोचना हुई थी। पीएम मोदी ने उनके बयान पर गहरी नाराजगी जताई थी। बीजेपी ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया था। अलग- थलग पड़ने के बाद साध्वी प्रज्ञा को अपना बयान वापस लेने के साथ माफी भी मांगनी पड़ी थी।