चौथी लहर की आशंका से घबराने की जरूरत नहीं, सामान्य फ्लू की तरह ही रहेगा इसका प्रकोप- डॉ. पांडे

  
Last Updated:  March 30, 2022 " 05:25 pm"

इंदौर : चीन, हांगकांग, वियतनाम, फ्रांस सहित कई देशों में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे हैं। बताया जाता है कि कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट के बीए-1 और 2 सब वैरिएंट का संक्रमण इन देशों में तेजी से फैल रहा है। चीन के शंघाई व अन्य कई शहरों में तो लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसके चलते भारत में भी चौथी लहर आने की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा है। इस बारे में अवर लाइव इंडिया ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. वीपी पांडे से
आनेवाले समय में कोरोना संक्रमण किसतरह का प्रभाव डाल सकता है, इसे लेकर चर्चा की।

सामान्य फ्लू की तरह रहेगा संक्रमण।

डॉ. पांडे ने अवर लाइव इंडिया को बताया कि तीसरी लहर में ओमीक्रोन का संक्रमण हम भारत वासी झेल चुके हैं। इसका संक्रमण जिस तेजी से फैला था, उतनी ही तेजी से खत्म भी हो गया। 98 फीसदी लोगों में सामान्य सर्दी, जुकाम और बुखार के लक्षण मिले, वो भी 3 से 5 दिन में ठीक हो गए। केवल उन्हीं लोगों को परेशानी आई जिन्हें पहले से बीपी, शुगर सहित कोई न कोई गंभीर बीमारी थी। कोरोना का वायरस तीन- चार माह में अपना रूप बदल लेता है। आनेवाले समय में इसके नए स्वरूप में आने से इनकार नहीं किया जा सकता पर वह भी सामान्य फ्लू की तरह ही अपना प्रभाव छोड़ेगा।

भारतीय वैक्सीन कारगर रही है।

डॉ. पांडे के अनुसार कोविशील्ड और कोवैक्सिन अन्य वैक्सीन के मुकाबले कोरोना की रोकथाम में ज्यादा कारगर साबित हुई हैं।ये टीकाकरण का ही परिणाम है कि हम तीसरी लहर का आसानी से मुकाबला कर पाए। चौथी लहर आती भी है तो हम उससे भी निजात पा लेंगे।

कोरोना से निपटने की चीन की नीति गलत।

डॉ. पांडे के मुताबिक कोरोना संक्रमण को लेकर चीन की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति गलत है। दुनिया भर के वैज्ञानिक शोध में यह साबित हो चुका है कि कोरोना संक्रमण फ्लू का ही प्रकार है। सामान्य सर्दी, जुकाम व बुखार के साथ इसका प्रकोप होता रहेगा। ऐसे में कोरोना को लेकर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति लागू करना उचित नहीं कहा जा सकता। डॉ. पांडे ने चीन की वैक्सीन की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़ा किया। उनका कहना था कि चीन द्वारा उत्पादित वैक्सीन कोरोना की रोकथाम में ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हो पाई है।

प्रिकॉशन डोज़ अवश्य लगवाएं।

डॉ. पांडे ने कहा कि कोरोना का संक्रमण नए- नए स्वरूप लेकर आता रहेगा पर इससे घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे यहां अधिकांश लोगों में वैक्सीन लेने से एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है। हालांकि सावधानी बरतना भी जरूरी है। साबुन से हाथ धोना और मास्क लगाना जारी रखें। इसी के साथ गंभीर बीमारियों से ग्रसित व दूसरा डोज लेकर जिन्हें 8 से 9 माह हो चुके हैं, वे प्रिकॉशन डोज अवश्य लगवा लें। जिसतरह हम अन्य टीके लगवाते हैं, उसीतरह कोरोना का टीका प्रतिवर्ष लगवाने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

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