शहर, प्रदेश, देशवासियों के सुख, समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य की कामनाएं की।
उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद होगा छठ महापर्व का समापन।
इंदौर : छठ महापर्व के लोकगीतों के बीच रविवार शाम शहर के विभिन्न छठ घाटों पर बिहार एवं पूर्वांचल के हजारों लोगों ने भगवान् भास्कर के डूबते स्वरुप को अर्घ्य देकर घर परिवार, समाज एवं देश में सुख समृद्धि एवं शान्ति की कामना की।
छठी मैया के मन को झंकृत कर देने वाले लोक गीतों के बीच पूरे शहर एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में 125 से अधिक छठ घाटों विशेष रूप से स्कीम नं.54 अनुपम नगर, स्कीम नं. 78, पिपलियापाला तालाब, बाणगंगा कुंड, देवास नाका, सुखलिया, तुलसी नगर, श्याम नगर एनेक्स , समर पार्क, नंदबाग, कैट रोड, सिलिकॉन सिटी, कालानी नगर, वक्रतुण्ड नगर, मांगलिया, शिप्रा माँ अम्बे नगर, एरोड्रम रोड, ड्रीम सिटी एवं शहर के अन्य क्षेत्रों में स्थित छठ घाटों का नज़ारा भक्तिमय हो गया।
जहाँ एक तरफ पूरा शहर आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल मैच देखने में तल्लीन था, वहीँ दूसरी तरफ शहर में रह रहे बिहार, पूर्वांचल के छठ श्रद्धालुओं का रविवार दोपहर बाद छठ घाटों पर छोटे – छोटे समूहों में आना शुरू हो गया। शाम 4 बजते बजते छठ व्रती महिलाएं, पुरुष, प्रसाद से भरी बाँस की टोकरियाँ लेकर इन घाटों पर पहुँच चुके थे। छठी मैया के मनभावन लोक गीतों से सम्पूर्ण वातावरण में भक्ति एवं आस्था के रंग में लोग रचे नजर आ रहे थे और एक दूसरे को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दे रहे थे।
पूर्वोत्तर सांस्कृति संस्थान के प्रदेश महासचिव के के झा , अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह ने कहा कि जैसे ही रविवार शाम 5 बजकर 42 मिनट पर भगवान् सूर्य अस्ताचल में समाने लगे, जल कुंड में खड़े व्रती महिलाओं एवं पुरुषों ने प्रसाद से भरी टोकरियों को अपने हाथों में लेकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना प्रारम्भ किया और अपने संतान, परिजनों के अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु जीवन के साथ सम्पूर्ण शहर, प्रदेश एवं राष्ट्र के लोगों के लिए मंगल कामनाएं कीं । विधायक रमेश मेंदोला, इंदौर नगर निगम के सभापति मुन्नालाल यादव तथा मेयर इन कौंसिल के सदस्य राजेंद्र राठौर ने विजय नगर छठ घाट पर पहुँच कर भगवान् सूर्य को अर्घ्य दिया। डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने अपने परिवार, सम्बन्धियों के साथ प्रसाद लेकर पुनः अपने घरों को प्रस्थान किया। शहर में कई छठ महापर्व आयोजन समितियों द्वारा रात्रि में भजन एवं छठ के लोक गीतों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
सूर्य उपासना का यह पर्व सोमवार सुबह 6 बजकर 42 मिनट पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होगा। अर्घ्य के बाद व्रती परिवारों द्वारा श्रद्धालुओं में ठेकुआ एवं फलों के प्रसाद का वितरण किया जाएगा।