भोपाल : पॉलीटेक्निक के छात्र के साथ मोबाइल पर गाली – गलौज करना झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी को महंगा पड़ा। दोनों के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद सीएम शिवराज सिंह ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पहले एसपी अरविंद तिवारी को पद से हटाने के आदेश दिए। बाद में उन्हें निलंबित कर दिया।
यह था पूरा मामला।
बताया जाता है कि रविवार रात झाबुआ पॉलीटेक्निक कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के दो गुटों में विवाद हो गया था। विवाद में मारपीट के शिकार हुए छात्र झाबुआ कोतवाली थाने पहुंचे थे। उन्होंने ये आशंका भी जताई थी कि आरोपी छात्र हॉस्टल लौटने पर उनके साथ पुनः मारपीट कर सकते हैं, इसके चलते उन्होंने हॉस्टल में पुलिस सुरक्षा की मांग की थी पर कोतवाली पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की। इसके बाद पीड़ित छात्रों ने झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी को फोन लगाकर उनसे सुरक्षा मुहैया करवाने का आग्रह किया। एसपी तिवारी ने पीड़ित छात्रों की मदद करने की बजाय उनके साथ गाली – गलौज करते हुए अपशब्द कहे। इस बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और सीएम शिवराज तक पहुंच गया।
सीएम ने दिए थे ऑडियो की जांच के आदेश।
मामला संज्ञान में आने के बाद सीएम शिवराज ने वर्चुअल मीटिंग बुलाकर डीजीपी को झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी को पद से हटाने का आदेश दिया। उन्होंने मामले की जांच के भी आदेश दिए। सीएम शिवराज के आदेश पर अरविंद तिवारी को एसपी झाबुआ के पद से हटाकर पुलिस मुख्यालय भोपाल अटैच कर दिया गया। इसके कुछ देर बाद ही सीएम शिवराज ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
जांच में आडियो एसपी का होने की पुष्टि हुई।
सीएम शिवराज के अनुसार उन्हें जानकारी मिली थी कि तत्कालीन झाबुआ एसपी से भांजों (बच्चों )ने कुछ मदद मांगी थी। मदद करने की बजाय एसपी ने उन्हें अपशब्द कहे, इसपर मैंने तत्काल उन्हें हटाने के निर्देश देने के साथ ऑडियो की जांच के आदेश भी दिए थे। जांच में ऑडियो तत्कालीन एसपी का होने की पुष्टि हुई। बच्चों के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।