इंदौर : कोरोना महामारी से मुकाबला करने के लिए पीएम मोदी द्वारा रविवार 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ के किये गए आह्वान को मप्र व इंदौर में जबरदस्त प्रतिसाद मिला है। इंदौर में मुकम्मल बन्द रखा गया है। सियागंज, राजवाड़ा, क्लॉथ मार्केट, बर्तन बाजार, मारोठिया, सीतलामाता बाजार, सराफा सहित सभी बड़े बाजारों के साथ मॉल्स, पार्क, शॉपिंग सेंटर्स, लोक परिवहन, रेल, बस, अंतर प्रांतीय परिवहन, कल कारखाने, निजी कम्पनियों के दफ्तर, होटल, रेस्त्रां और यहां तक कि चाय- पान की दुकानें भी बन्द हैं। ट्रांसपोर्टर्स ने भी अपना कारोबार बंद रखा है।हरसमय वाहनों की आवाजाही से आबाद रहने वाली शहर की सड़कें सन्नाटे में डूबी हुई हैं। लोग स्वेच्छा से घरों में कैद हैं। इस बहाने ज्यादातर लोगों को घर- परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका मिल गया है।
मीडिया का भी समर्थन।
मीडियाकर्मी तो मैदान में मोर्चा संभाले हुए हैं पर कई सांध्यकालीन अखबार मालिकों ने रविवार को अपने अखबारों का प्रकाशन नहीं करके ‘जनता कर्फ्यू’ को समर्थन दिया। हमेशा पत्रकारों की आवाजाही से आबाद रहने वाला इंदौर प्रेस क्लब भी बन्द रखा गया।
आवश्यक सेवाओं को छूट..।
जनता कर्फ्यू से आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया था। इसलिए लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ी।दूध लोगों को आसानी से उपलब्ध हो गया। सब्जी व किराना समान की खरीददारी लोगों ने एक दिन पूर्व ही कर ली थी। दवाई की दुकानें खुली रखी गई हैं। निजी व सरकारी अस्पतालों में डॉकटर व पैरामेडिकल स्टॉफ मुस्तैदी से तैनात रहा। जिला व पुलिस प्रशासन का अमला भी शहर में तैनात रहा।
शराब की दुकानें रही खुली।
शहर में लोगों ने ‘जनता कर्फ्यू’ का पूरीतरह पालन किया लेकिन आबकारी विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहा। शराब और भंग घोटे की दुकानें खुली होने से मदिरा और भंग प्रेमियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दिनभर मदिरा प्रेमी यहां पहुंचकर शराब व भंग की खरीदारी करते रहे। हालांकि अहाते बन्द रखे गए थे।
सफाई कर्मियों ने निभाई ड्यूटी।
जनता कर्फ्यू के दौरान भी सफाई कर्मियों अपनी ड्यूटी जिम्मेदारी के साथ निभाई।शहर की सफाई के साथ रोज की तरह घर- घर से कचरा कलेक्शन भी किया गया।