इंदौर : किसी भी राष्ट्र की जनसंख्या उस राष्ट्र का भविष्य निश्चित करती है। जनसंख्या का असंतुलन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सामाजिक चुनौती है जहाँ हर छोटा बड़ा निर्णय संख्यात्मक बहुमत पर निर्भर हो वहां यह चुनौती और गंभीर हो जाती है। आंकड़े बताते हैं यह असंतुलन स्वभाविक नहीं है यह एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है। ये कहना है आरएसएस के धर्म जागरण प्रमुख शरद ढोले का। वे संस्कृति संवर्धन न्यास के बैनर तले रवींद्र नाट्यगृह में आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में ‘जनसंख्या असंतुलन की चुनौतियां और हमारी भूमिका’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
हिंदुओं की जनसंख्या में हुई 13 फीसदी की कमी।
श्री ढोले ने कहा कि देश का जनसंख्या संतुलन तेजी से बदल रहा है। बीते 130 वर्षों में 13 बार जनगणना हुई है। जनगणना हर 10 साल के बाद होती है। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। उसके अनुसार पिछले 130 वर्षों में बहुसंख्यक समाज 13% घटा याने हर 10 साल के बाद 1% घटा। 1947 में 76 जिले ऐसे थे जिनमें 40 फीसदी अहिंदु जनसंख्या थी। देश की कुल आबादी में 23 फीसदी अहिंदु थे। इसका परिणामस्वरूप 1947 मे देश का विभाजन हो गया। यानि “जहाँ हिंदू घटा वहां देश बटा”
वर्तमान में 23 फीसदी आबादी गैर हिंदुओं की।
श्री ढोले ने कहा कि आज विभाजित भारत में 23℅ प्रतिशत गैर हिन्दू आबादी हो गई है।सीमावर्ती 45 जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं।
जनसंख्या असंतुलन के तीन कारण हैं।
प्रमुख वक्ता शरद ढोले ने जनसंख्या असंतुलन के कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसके प्रमुख तीन कारण हैं। पड़ौसी देशों से होनेवाली घुसपैठ, हिंदुओं की प्रजनन दर में कमी और मतांतरण। उन्होंने कहा कि सरकार के आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में 4 करोड़ घुसपैठिए रह रहे हैं। दूसरे हिंदुओं की प्रजनन दर अन्य समुदायों के मुकाबले कम हो रही है। समुदाय विशेष की प्रजनन दर हिंदुओं से काफी ज्यादा है। तीसरे धर्मपरिवर्तन के मामले तेजी से बढ़े हैं। 1947 में ईसाई आबादी महज 1 फीसदी थी, जो आज बढ़कर 8 फीसदी हो गई है।
दो से ज्यादा बच्चे पैदा करना वक्त की जरूरत।
श्री ढोले ने कहा कि हिंदुओं के लिए दो से ज्यादा बच्चे पैदा करना वक्त की जरूरत है। सामाजिक स्तर पर इसके लिए चेतना जगाना जरूरी है।
धर्मांतरण पर रोक लगाएं।
श्री ढोले ने कहा कि लव जिहाद और प्रलोभन के जरिए धर्मांतरण करवाए जा रहे हैं। इस बारे में हिंदू समाज को जागरूक होना होगा। इसपर रोक लगाना बेहद जरूरी है। जिन लोगों ने धर्मांतरण कर लिया है, उनकी घरवापसी के लिए सतत जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नगर के प्रबुद्ध नागरिक,साधु संत मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मनोहर बाबूलाल बाहेती ने की।
प्रारंभ में अतिथि वक्ता शरद ढोले और अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन किया। कार्यक्रम की जानकारी संस्कृति संवर्धन न्यास के अध्यक्ष अशोक बड़जात्या ने दी। संचालन अर्चना कर्णावत ने किया। आभार मनीष शर्मा ने माना।