इंदौर : मरती संवेदनाओं के इस समय में जब अपने, अपनों की ही चिंता नहीं करते, इंदौर की एक बेटी लंबे समय से उन लाशों का अंतिम संस्कार कर रही है, जिनका कोई नहीं होता। भाग्यश्री खड़खड़िया ऐसे कई लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर सेवा की अनुपम मिसाल पेश कर चुकी है।
जब पूरा शहर दीपावली मनाने में जुटा था, भाग्यश्री मानवता का धर्म निभाते हुए एक लावारिस शव का अंतिम संस्कार कर रही थी।
बताया जाता है कि एक 45 वर्षीय अज्ञात व्यक्ति सांवरिया धाम मंदिर मूसाखेड़ी के पास बेहोशी की हालत में पड़ा मिला था। पुलिस को सूचना देने के बाद उक्त व्यक्ति को एम वाय हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मृतक के परिजनों का कोई अता – पता नहीं था, जब यह सूचना भाग्यश्री को मिली तो उसने एक परिजन के रूप में इस लावारिस लाश को जूनी इंदौर मुक्तिधाम में ले जाकर उसका रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया।
भाग्यश्री इस पुण्य का काम मानती है और जब भी किसी लावारिस शव के बारे में सूचना मिलती है, वो वहां पहुंच जाती है और उक्त शव का पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार करती है।
बिखरते रिश्ते और खत्म होती संवेदनाओं के दौर में भाग्यश्री का यह जज्बा उन्हें समाज के समक्ष एक उदाहरण के बतौर पेश करता है।