पुणे की मंजिरी ताई कर्वे आलेगांवकर ने पेश किया सुश्राव्य गायन।
इंदौर: संस्था चैतन्य परिवार के बैनर तले संत श्री नाना महाराज तराणेकर को समर्पित कार्यक्रम चैतन्य स्वरोत्सव के तहत प्रातः कालीन संगीत सभा पलसीकर कॉलोनी, इंदौर स्थित गणेश विद्या मंदिर के सभागार में आयोजित की गई। गायक कलाकार थी जयपुर घराने से जुड़ी पुणे की मंजिरी ताई कर्वे आलेगांवकर।
कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ गायक डॉ. शशिकांत तांबे, सुनील मसूरकर, विनीता धर्म, अरुण मोरोणे, संजय तराणेकर और शुभदा मराठे और छाया तराणेकर द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई।
मंजिरी ताई ने अपने गायन का आगाज राग तोडी में एक बंदिश गाकर की। इसी में उन्होंने मूर्धन्य गायक कुमार गंधर्व रचित तराना भी पेश किया। अपने गायन को विस्तार देते हुए मंजिरी ताई ने राग देशकार और राग हिंडोल में सुश्राव्य बंदिशें प्रस्तुत की। जयपुर घराने की गान शैली से परिचित कराने के साथ मंजिरी ताई ने नाट्यगीत, अभंग और निर्गुण भजन भी खूबसूरती के साथ पेश कर श्रोताओं की दाद बटोरी। मंजिरी ताई के साथ तबले पर विलास खरगोणकर और संवादिनी पर राजेंद्र जोशी ने संगत की। तानपुरे पर साथ निभाया उनकी बेटी स्वराली और इंदौर की वर्षिता बंसीवाल ने। अंत में आभार संजय तराणेकर ने माना। प्रातः कालीन संगीत सभा होने के बावजूद कार्यक्रम में श्रोताओं की उपस्थिति अच्छी रही।
इसके पूर्व 11 और 12 नवंबर को चिमनबाग स्थित लता मंगेशकर शासकीय संगीत महाविद्यालय में मंजिरी ताई आलेगांवकर की कार्यशाला भी रखी गई। इस दौरान मंजिरी ताई ने संगीत के विद्यार्थियों को सम प्रकृति के राग के साथ रियाज की बारीकियों से भी अवगत कराया।