नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया गया है। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा की गई इस नियुक्ति को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को अपनी मंजूरी दे दी। जस्टिस पीसी घोष मानवाधिकार मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। वे 2017 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड हुए थे।
अन्ना हजारे ने किया स्वागत।
समाजसेवी अन्ना हजारे ने लोकपाल के बतौर जस्टिस पीसी घोष की नियुक्ति का स्वागत किया है। उन्होंने इसे जनता की बरसों की लड़ाई का नतीजा बताया है। अन्ना ने लोकपाल की नियुक्ति को लेकर 2012 में बड़ा आंदोलन किया था। दिल्ली के रामलीला मैदान में उन्होंने अनशन किया था। उनके आंदोलन को देशभर में भारी प्रतिसाद मिला था। उसके बाद भी अन्ना लोकपाल की नियुक्ति को लेकर आंदोलन करते रहे। अंततः उनके प्रयास रंग लाए। अब देश को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए लोकपाल मिल गया।
चयन समिति ने किया था जस्टिस घोष का चयन।
प्रधानमंत्री, सीजेआई के नामित प्रतिनिधि, लोकसभा स्पीकर, विपक्ष के नेता और एक जूरिस्ट लोकपाल की चयन समिति के सदस्य थे। नेता विपक्ष खड़गे ने समिति की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। शेष सदस्यों ने विचार- मंथन के बाद जस्टिस घोष के नाम पर सहमति जताई थी। चयन समिति के सुझाए जस्टिस घोष के नाम को हरी झंडी देते हुए केंद्र सरकार ने जस्टिस घोष की लोकपाल के बतौर नियुक्ति कर दी।